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    फर्जी बैंक गारंटी मामले में ED की छापेमारी, अनिल अंबानी समूह से जुड़े तार; जानें क्या है ₹68 करोड़ का मामला

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 12:22 PM (IST)

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ओडिशा की बिस्वाल ट्रेडलिंक पर फर्जी बैंक गारंटी (fake bank guarantees) जारी करने के आरोप में छापेमारी की। आरोप है कि कंपनी ने अनिल अंबानी समूह की कंपनी के लिए भी लगभग 68 करोड़ रुपये की फर्जी गारंटी जारी की। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की एफआईआर के आधार पर भुवनेश्वर और कोलकाता में तलाशी ली गई।

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    रैकेट के तहत अनिल अंबानी समूह की कंपनी के लिए लगभग 68 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जारी की गई।

    पीटीआई, नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को ओडिशा की एक कंपनी के खिलाफ छापेमारी की, जिस पर कारोबारी समूहों के लिए कथित तौर पर "फर्जी" बैंक गारंटी जारी करने का आरोप है। इसी रैकेट के तहत अनिल अंबानी समूह की कंपनी के लिए लगभग 68 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भी जारी की गई थी।

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    PTI के मुताबिक, मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला भुवनेश्वर की कंपनी बिस्वाल ट्रेडलिंक और उसके निदेशकों के खिलाफ दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की नवंबर 2024 में दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई।

    भुवनेश्वर और कोलकाता में छापे

    ED ने शुक्रवार को भुवनेश्वर में कंपनी के तीन ठिकानों और कोलकाता स्थित एक "संबद्ध" इकाई पर तलाशी ली। जांच एजेंसी का कहना है कि यह कंपनी 8% कमीशन लेकर फर्जी बैंक गारंटी जारी करती थी।

    रिलायंस NU BESS लिमिटेड, जो रिलायंस पावर की सहायक कंपनी है, की ओर से सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) को जमा की गई 68.2 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी "फर्जी" पाई गई। यह कंपनी पहले महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी।

    रिलायंस ग्रुप का बयान

    ED को हाल ही में मुंबई में रिलायंस समूह की कंपनियों पर की गई तलाशी के दौरान इस लेन-देन से जुड़े दस्तावेज मिले थे।

    इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रिलायंस ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा, "रिलायंस पावर इस मामले में धोखाधड़ी, जालसाजी और साजिश का शिकार है। हमने इस संदर्भ में 7 नवंबर 2024 को स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी दी थी।"

    प्रवक्ता ने बताया कि अक्टूबर 2024 में कंपनी ने दिल्ली पुलिस EOW के पास आरोपी कंपनी के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी और अब कानून के तहत कार्रवाई होगी।

    फर्जी ईमेल डोमेन का इस्तेमाल

    जांच में पता चला है कि ओडिशा की यह कंपनी असली ईमेल डोमेन sbi.co.in की जगह नकली डोमेन s-bi.co.in का इस्तेमाल कर रही थी, ताकि यह दिखाया जा सके कि बैंक गारंटी से जुड़े मेल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से भेजे गए हैं। ED ने इस फर्जी डोमेन के रजिस्ट्रेशन विवरण के लिए नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NIXI) को पत्र लिखा है।

    संदिग्ध लेन-देन और पेपर कंपनी

    ED की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस कंपनी ने कई अन्य फर्जी बिल तैयार किए हैं और "अघोषित" बैंक खातों के जरिये करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेन-देन किए हैं। जांच में यह भी सामने आया कि कंपनी का रजिस्टर्ड ऑफिस एक आवासीय पते पर है, जो एक रिश्तेदार का है, और वहां कोई कंपनी रिकॉर्ड नहीं मिला।

    एजेंसी ने यह भी पाया कि कंपनी के मुख्य लोग टेलीग्राम ऐप पर "डिसअपीयरिंग मैसेज" मोड का इस्तेमाल कर रहे थे ताकि उनकी बातचीत का कोई सबूत न मिले। सूत्रों के मुताबिक, ED अब अन्य कंपनियों के साथ हुई संदिग्ध वित्तीय डीलिंग्स की भी जांच कर रही है।