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    Energy Drinks: हेल्थ ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करें ई-कॉमर्स फूड ऑपरेटर- FSSAI

    By Agency Edited By: Yogesh Singh
    Updated: Tue, 02 Apr 2024 09:38 PM (IST)

    प्राधिकरण को इस बात का पता चला है कि डेयरी आधारित पेय पदार्थ या अनाज आधारित पेय पदार्थ को ई-कॉमर्स वेबसाइट पर हेल्थ ड्रिंक के नाम से बेचा जा रहा है। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि हेल्थ ड्रिंक शब्द को FSS ACT 2006 या नियमों के तहत कहीं भी परिभाषित नहीं किया गया है। नियामक ने सभी ई-कॉमर्स खाद्य व्यवसाय संचालकों से कहा कि वे गलत वर्गीकरण को हटाएं।

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    हेल्थ ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करें ई-कॉमर्स फूड ऑपरेटर

    आईएनएस, नई दिल्ली। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने सभी ई-कॉमर्स खाद्य व्यवसाय संचालकों से कहा है कि वे अपनी वेबसाइट पर बेचे जा रहे खाद्य उत्पादों का उचित वर्गीकरण सुनिश्चित करें। साथ ही प्राधिकरण ने किसी भी पेय पदार्थ की बिक्री बढ़ाने के लिए हेल्थ ड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक (Energy Drinks) जैसे शब्दों का दुरुपयोग नहीं करने की भी नसीहत दी है।

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    FSS अधिनियम 2006 में नहीं है जिक्र

    प्राधिकरण को इस बात का पता चला है कि डेयरी आधारित पेय पदार्थ या अनाज आधारित पेय पदार्थ को ई-कॉमर्स वेबसाइट पर हेल्थ ड्रिंक के नाम से बेचा जा रहा है। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि हेल्थ ड्रिंक शब्द को FSS ACT 2006 या नियमों के तहत कहीं भी परिभाषित नहीं किया गया है। इसीलिए नियामक ने सभी ई-कॉमर्स खाद्य व्यवसाय संचालकों से कहा है कि वे इस गलत वर्गीकरण को हटाएं।

    आधिकारिक बयान में बताया गया कि इस कार्रवाई का उद्देश्य उत्पादों से जुड़ी जानकारी के बारे में पारदर्शिता बढ़ाना है। FSSAI ने प्रोप्राइटरी फूड के तहत लाइसेंस प्राप्त खाद्य उत्पादों के उदाहरणों को नोट किया है, जो निकटतम श्रेणी डेयरी आधारित पेय मिश्रण या अनाज आधारित पेय मिश्रण या माल्ट आधारित पेय श्रेणी के तहत ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर बेचे जा रहे हैं। हेल्थ ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक आदि।

    इसलिए नियामक ने सभी ई-कॉमर्स खाद्य व्यवसाय को सलाह दी है ऑपरेटरों (FBO) को अपनी वेबसाइटों पर हेल्थ ड्रिंक्स/एनर्जी ड्रिंक्स की श्रेणी से ऐसे पेय पदार्थों को हटाकर या डी-लिंक करके इस गलत वर्गीकरण को तुरंत सुधारना चाहिए और ऐसे उत्पादों को मौजूदा कानून के तहत उचित श्रेणी में रखना चाहिए।

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