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    Indian Railways: सीटें घटने पर प्रीमियम ट्रेनों में बढ़ते रहेंगे टिकट के दाम, जानिए रेलमंत्री ने क्या बताई वजह

    By Siddharth PriyadarshiEdited By:
    Updated: Thu, 04 Aug 2022 12:01 PM (IST)

    Indian Railways Fare राजधानी और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में डायनेमिक किराया सिस्टम लागू है। इसमें जैसे-जैसे सीटों की संख्या घटती जाती है किराया बढ़ता जाता है। पहले बुकिंग करवाने पर ऐसी ट्रेनों में कम किराया देना होता है।

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    Dynamic Fare Pricing will continue in premium trains

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकार ने कहा है कि राजधानी (Rajdhani), शताब्दी (Shatabdi) और दुरंतो (Duronto) जैसी प्रीमियम ट्रेनों में डायनेमिक फेयर सिस्टम लागू रहेगा। संसद में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने एक सवाल के जवाब में बताया कि डायनेमिक फेयर (Dynamic Fare) सिस्टम खत्म करने का फिलहाल सरकार का कोई इरादा नहीं है। इसका मतलब यह हुआ कि फ्लेक्सी फेयर पॉलिसी को वापस लेने पर कोई विचार नहीं कर रही है। यानी यात्रियों को प्रीमियम ट्रेनों में सफर करने के लिए अधिक पैसे देने होंगे।

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    संसद में यह सवाल पूछा गया कि रेलवे की प्रीमियम रेलगाड़ियों जैसे शताब्दी, दुरंतो आदि के किराए को कम करने के लिए सरकार डायनेमिक किराए की व्यवस्था को खत्म करेगी या नहीं, क्योंकि इसके चलते यात्रियों पर अधिक बोझ पड़ रहा है। बता दें कि डायनामिक फेयर सिस्टम का विरोध लंबे समय से हो रहा है। हालांकि रेलमंत्री ने कहा कि प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर सिस्टम (Flexi Fare System) में किराया नॉर्मल किराए से कम होता है और ऐसे में यात्रियों को नुकसान नहीं, फायदा ही होता है।

    क्या है डायनेमिक फेयर सिस्टम

    डायनेमिक फेयर सिस्टम में टिकट का किराया ट्रेन में सीट की संख्या के आधार तय होता है। जैसे-जैसे ट्रेन में सीटों की संख्या घटती जाती है, ट्रेन का किराया महंगा होता जाता है। यानी जो पहले बुकिंग करवाएगा, उसे कम किराया चुकाना होगा। शुरुआत में टिकट के दाम सामान्य होते हैं, लेकिन उसके बाद 10 प्रतिशत सीटों के भरने के बाद तो किराए में करीब 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती जाती है। यह व्यवस्था रेलवे द्वारा साल 2016 में लागू किया गया था। रेलवे ने राजधानी, दुरंतो और शताब्दी आदि ट्रेनों के अलावा स्पेशल और स्पेशल एसी ट्रेनों पर ही यह सिस्टम लागू कर रखा है।

    कैसे आया इसका विचार

    दरअसल डायनामिक फेयर प्राइसिंग का विचार हवाई किराए से आया है। जैसे-जैसे सीटों में कमी आने लगती हैं, फ्लाइट का किराया भी बढ़ने लगता है। इसी आधार पर रेलवे ने भी डायनेमिक फेयर प्राइसिंग का फार्मूला तय किया है।