नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकार 15 अगस्त 2023 से पहले राष्ट्रीय डिजाइन नीति को अपडेट करने पर विचार कर रही है। इस पॉलिसी को अपडेट कर एक नई पॉलिसी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रीय डिजाइन नीति को फरवरी 2007 में सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया था। बुधवार को मौजूदा राष्ट्रीय डिजाइन नीति के बारे में उद्योग जगत से विचार मांगे गए।
डीपीआईआईटी के सचिव ने कहा है कि बदलते हुए समय को देखते हुए नियमों में बदलाव करना जरूरी हो गया है। राष्ट्रीय डिजाइन नीति देश में नए उत्पादों को विकसित करने के उद्देश्य से बनाई गई थी। इसका उद्देश्य एक बेहतर नियामकीय संस्थागत ढांचे के माध्यम से नियामक, प्रचार और डिजाइन को बढ़ावा देना शामिल है। विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशेष डिजाइन केंद्रों या नवाचार केंद्रों की स्थापना करना इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य था।
बुनियादी ढांचे में होगा बदलाव
उद्योग मंडल सीआईआई के इंडिया डिजाइन समिट में डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) के सचिव अनुराग जैन ने कहा कि कहा, 'हमें संभवत: 15 अगस्त, 2023 से पहले अपनी नीति को अपडेट करने की जरूरत है। हमें एक नई डिजाइन नीति के बनाने का प्रयास करना चाहिए।' उन्होंने उद्योग निकाय को एक छोटा समूह बनाने और नीति में संभावित बदलावों की सिफारिश करने का भी सुझाव दिया।
पीएम गति शक्ति से बदलेगी सूरत
पीएम गति शक्ति पहल देश में बुनियादी ढांचे की योजना और डिजाइन के तरीके को बदल रही है। 13 अक्टूबर को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रसद लागत को कम करने के लिए एकीकृत बुनियादी ढांचे के विकास के उद्देश्य से गति शक्ति मास्टर प्लान का शुभारंभ किया था।
500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली सभी लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को पीएम गति शक्ति पहल के तहत लाया जा चुका है। हाल के दिनों में पीएम गति शक्ति पोर्टल में 1,900 से अधिक सुविधाएं जोड़ी गई हैं।
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