DPGC विकसित कर रहा है भारतीय सशस्त्र बलों के लिए स्वदेशी सैन्य उपकरण
डीपीजीसी ग्रुप के सीईओ डॉ राजा राय चौधरी ने इस उपलब्धि की घोषणा करते हुए कहा “यह वैज्ञानिक और सैन्य प्रगति भारत सरकार की ’मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप डीपीजीसी के उद्देश्य का हिस्सा होगी। एमएनटी में शोध का नेतृत्व भारतीय वैज्ञानिक और शोधकर्ता कर रहे हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। डार्विन प्लेटफॉर्म ग्रुप ऑफ कंपनीज (डीपीजीसी) ने सोमवार को सैन्य और वैज्ञानिक प्रगति में एक डेवलपमेंट की घोषणा की है। भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों को नए जमाने के सैन्य उपकरणों से लैस करने के लिए डीपीजीसी ने सोमवार को आणविक नैनो प्रौद्योगिकी (एमएनटी) पर आधारित स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित सैन्य उपकरणों के प्रोटोटाइप का प्रदर्शन किया।
डीपीजीसी ने इन प्रोटोटाइपों को डिजाइन और विकसित करने के लिए वोक्सेन यूनिवर्सिटी और हैदराबाद की रोबोटिक्स लैब के साथ सहयोग किया है।
डीपीजीसी ग्रुप के सीईओ डॉ राजा राय चौधरी ने इस उपलब्धि की घोषणा करते हुए कहा, “यह वैज्ञानिक और सैन्य प्रगति भारत सरकार की ’मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप डीपीजीसी के उद्देश्य का हिस्सा होगी। एमएनटी में शोध का नेतृत्व भारतीय वैज्ञानिक और शोधकर्ता कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य इस पहल के माध्यम से अपने सैनिकों को नए जमाने के सैन्य उपकरण उपलब्ध कराना है, ताकि वे अपनी सुरक्षा से समझौता किए बिना हमारी सीमाओं की मजबूती से रक्षा कर सकें।”
विशेषज्ञों के अनुसार, एमएनटी एक वैज्ञानिक प्रगति है, जहां डुप्लिकेट्स बनाए जाते हैं, जो मूल प्रति से छोटे, अधिक कार्यात्मक, हल्के और सस्ते होते हैं। इस प्रकार की तकनीक में प्रमुख मिलिट्री एप्लिकेशन हो सकते हैं।
चौधरी ने बताया कि एडवांस एनालिटिक सिस्टम के विकास के उन्होंने वोक्सेन यूनिवर्सिटी व हैदराबाद में रोबोटिक्स लैब के साथ सहयोग किया है। इन प्रणालियों को व्यावसायिक उपयोग लायक बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और आरपीए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा।
वोक्सेन यूनिवर्सिटी डीपीजीसी द्वारा विकसित किए जा रहे प्रोटोटाइप के अनुसंधान एवं विकास में भी सहायता करेगी। यह परियोजना पूरी तरह से डीपीजीसी द्वारा वित्त पोषित है।
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