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अगले 10 साल में घरेलू उपभोक्ता बाजार हो जाएगा तीन गुना: रिपोर्ट

अगले दशक के दौरान घरेलू उपभोक्ता बाजार की वार्षिक वृद्धि दर काफी अच्छी 12 फीसद रहने का अनुमान है।

By NiteshEdited By: Published: Wed, 27 Feb 2019 10:24 AM (IST)Updated: Wed, 27 Feb 2019 01:49 PM (IST)
अगले 10 साल में घरेलू उपभोक्ता बाजार हो जाएगा तीन गुना: रिपोर्ट
अगले 10 साल में घरेलू उपभोक्ता बाजार हो जाएगा तीन गुना: रिपोर्ट

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अगले दशक के दौरान घरेलू उपभोक्ता बाजार की वार्षिक वृद्धि दर काफी अच्छी 12 फीसद रहने का अनुमान है। इससे 2028 तक उपभोक्ता बाजार का आकार बढ़कर करीब तीन गुना यानी 335 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। यह अनुमान बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) ने रिपोर्ट में व्यक्त किया है।

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मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में भारतीय उपभोक्ता बाजार 110 लाख करोड़ रुपये का था। पिछले एक दशक के दौरान उसकी वार्षिक वृद्धि दर और अच्छी 13 फीसद रही थी। 2008 में उपभोक्ता बाजार सिर्फ 31 लाख करोड़ रुपये का था। आबादी व संपन्नता बढ़ने, शहरीकरण और पारिवारिक ढांचे में बदलाव के चलते उपभोक्ता बाजार में रफ्तार तेज बनी रह सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी आय वर्गो के प्रत्येक परिवार के औसत व्यय में आठ फीसद वृद्धि होती है तो खपत वृद्धि में खासा अंतर दिखाई देता है और संपन्न और धनाढ्य वर्ग का विस्तार तेजी से होता है।

पिछले एक दशक के दौरान संपन्न व धनाढ्य वर्गो के परिवारों की वार्षिक वृद्धि दर 10 फीसद रही। वर्ष 2008 से 2018 के बीच इनकी हिस्सेदारी छह फीसद से बढ़कर 12 फीसद हो गई। इसके परिणामस्वरूप संपन्न और धनाढ्य वर्ग के उपभोग की सालाना वृद्धि दर 20 फीसद हो गई और कुल खपत में उनकी हिस्सेदारी करीब एक तिहाई हो गई। रिपोर्ट के अनुसार पिछले दशक के दौरान देश के महानगरों में वृद्धि दर काफी तेज 16 फीसद के आसपास रही। मांग में वृद्धि वस्तुओं और सेवाओं दोनों में दर्ज की गई। मुख्य तौर पर क्लॉथिंग, फुटवियर और हेल्थकेयर में वृद्धि दर सबसे तेज रही।

ई-कॉमर्स का कारोबार होगा 84 लाख करोड़ रुपये : उपभोक्ता वृद्धि को अगले स्तर पर ले जाने में ई-कॉमर्स सेक्टर मुख्य भूमिका निभाएगा। देश में ऑनलाइन मार्केटप्लेस की बिक्री 2021 तक 1.2 टिलियन डॉलर (84 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंचने की संभावना है। डिलॉय इंडिया और रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट का कहना है कि भारतीय रुपये पर दबाव और कच्चे तेल पर खर्च बढ़ने के बावजूद भारतीय रिटेल सेक्टर की सालाना वृद्धि दर 2021 से 2026 के बीच 7.8 फीसद रहने की संभावना है।


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