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    सिक्कों की भी होती है एक्सपायरी डेट? क्यों बंद हो जाते हैं पुराने Coins; समझिए

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 12:14 PM (IST)

    सिक्कों को लेकर अक्सर कई तरह की बातें होती है। साल दर साल पीढ़ी दर पीढ़ी ये सिक्के लोगों की लालच का केंद्र रहे हैं। इस लालच के बीच एक सवाल यह है कि क्या सिक्कों की भी कोई एक्सपायरी (Coins Expiry Date) डेट होती है? आइए जानने की कोशिश करते हैं।

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    सिक्कों की भी होती है एक्सपायरी डेट? क्यों बंद हो जाते हैं पुराने Coins

    नई दिल्ली। आज के समय में पैसा ही सबकुछ है। वर्तमान समय में पैसों का लेन-देन भी डिजिटल हो गया है। लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि नोटों और सिक्कों की अहमियत कम हो गई है। 1 रुपये का सिक्का आप चाहे किसी को नकद दें या फिर ऑनलाइन ट्रांसफर करें बात वही होगा। सिक्कों को लेकर हमेशा बात होती रहती है। आपने भी कई तरह की कहानियां सुनी होंगे। कभी सुना होगा कि नीलाम हुआ 500 साल पुराना सिक्का। करोड़ों में बिका 2 हजार साल पुराना सिक्का। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि सिक्के रिटायर होते हैं या नहीं? क्या सिक्कों की कोई एक्सपायरी डेट (Coins Expiry Date) होती है? इन सभी सवालों के जवाब जानेंगे इस लेख में।  

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    क्या सिक्कों की होती है एक्सपायरी डेट?

    भारत में सिक्कों की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती। सिक्कों को सरकारी टकसाल जारी करता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियम के अनुसार, जारी किए गए सिक्के हमेशा वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार किए जाते हैं, जब तक कि उन्हें विशेष रूप से प्रचलन से वापस नहीं लिया जाता है।

    क्यों चलन से बाहर हो जाते हैं सिक्के

    सिक्के कानूनी निविदा (legal tender) के रूप में अनिश्चित काल तक मान्य रहते हैं। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में, जैसे कि पुराने डिजाइन के सिक्कों को प्रचलन से हटाने या डिमोनेटाइजेशन के मामले में, सरकार या RBI सिक्कों को अमान्य घोषित कर सकती है। इसके लिए एक समय सीमा निर्धारित कर सकता है। उस समय सीमा तक बैंकों को उन सिक्कों या फिर नोटों को जमा करना पड़ता है। लेकिन सामान्य तौर पर, सिक्कों की कोई निश्चित एक्सपायरी डेट नहीं होती। यह सब कारण हैं कि पुराने सिक्के चलन से बाहर हो जाते हैं।

    सरकार ने 2011 में इन सिक्कों को प्रचलन से लिया था वापस

    सिक्का निर्माण अधिनियम, 1906 (1906 का 3) की धारा 15ए की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए भारत सरकार ने जून 2011 के अंत से 25 पैसे और उससे कम के सिक्कों को प्रचलन से वापस लेने का निर्णय लिया था। इसके बाद, ये सिक्के भुगतान के साथ-साथ खाते के लिए भी वैध मुद्रा नहीं रहे थे।