6 लाख करोड़ की शॉपिंग और 50 लाख नौकरियां, GST घटने से इस दीवाली पर बना नया रिकॉर्ड, सबसे ज्यादा बिका ये सामान
भारत में दीवाली पर सामानों की बिक्री रिकार्ड 6.05 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई। कुल बिक्री में 5.40 लाख करोड़ रुपये वस्तुओं की और 65,000 करोड़ रुपये सेवाओं की बिक्री शामिल है। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ ने इसकी जानकारी दी है।

दीवाली पर सामानों की बिक्री को लेकर आई अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ की रिपोर्ट
नई दिल्ली। सितंबर में लागू हुई जीएसटी की नई दरों (GST New Rates) और मजबूत उपभोक्ता रुझान के चलते भारत में दीवाली (Diwali Record Sales) पर सामानों की बिक्री रिकार्ड 6.05 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई। कुल बिक्री में 5.40 लाख करोड़ रुपये वस्तुओं की और 65,000 करोड़ रुपये सेवाओं की बिक्री शामिल है। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) ने अपनी रिसर्च विंग द्वारा राज्यों की राजधानियों और टियर 2 व 3 शहरों सहित 60 प्रमुख वितरण केंद्रों पर किए गए एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है।
कैट के अनुसार, पिछले साल दीवाली की बिक्री 4.25 लाख करोड़ रुपये रही थी। कैट ने कहा कि मुख्य खुदरा व्यापार (विशेष रूप से गैर कारपोरेट और पारपंरिक बाजार) ने कुल व्यापार में 85 प्रतिशत का योगदान दिया, जो भारत के भौतिक बाजारों और छोटे व्यापारियों की जोरदार वापसी को दर्शाता है।
बिक्री के सेक्टरवार आंकड़े
- किराना और एफएमसीजी की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत (सबसे ज्यादा बिक्री)
- सोना और आभूषण 10 प्रतिशत
- इलेक्ट्रानिक्स और इलेक्टि्रकल्स वस्तुएं 8 प्रतिशत
- उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं 7 प्रतिशत
- रेडीमेड वस्त्र और गिफ्ट आइटम 7 प्रतिशत
- होम डेकोरेशन और फर्निशिंग और फर्नीचर 5 प्रतिशत
- मिठाई और नमकीन 5 प्रतिशत
- कपड़ा और फैब्रिक 4 प्रतिशत
- पूजा सामग्री, फल और सूखे मेवे की हिस्सेदारी 3 प्रतिशत रही
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि सेवा क्षेत्र ने पैकेजिंग, हॉस्पिटेलिटी, कैब सर्विसे, यात्रा, कार्यक्रम प्रबंधन, टेंट और सजावट, जनशक्ति और डिलीवरी जैसे क्षेत्रों से बिक्री में 65,000 करोड़ रुपये जोड़े।
50 लाख अस्थायी नौकरियां पैदा
रिपोर्ट में पाया गया कि सर्वे में शामिल 72 प्रतिशत व्यापारियों ने दैनिक उपयोग की वस्तुओं, जूते, परिधान, कन्फेक्शनरी, होम डेकोरेशन और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कमी को सीधे तौर पर उच्च बिक्री का श्रेय दिया। कैट के अनुसार, दीवाली 2025 के व्यापार ने लाजिस्टिक्स, पैके¨जग, परिवहन और खुदरा सेवाओं में 50 लाख अस्थायी नौकरियां पैदा कीं। ग्रामीण और अर्ध-शहरी भारत का कुल व्यापार में 28 प्रतिशत का योगदान रहा।
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