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    Diwali 2022: चांदी के नाम पर जर्मन सिल्वर तो नहीं खरीद रहे आप, बाजार में नकली सिक्कों की भरमार

    Diwali 2022 दिवाली के उत्सव पर बाजार में खरीदारों की भीड़ को देखते हुए कुछ दुकानदार अधिक मुनाफा कमाने के लिए मिलावटी चांदी बेचते हैं। ऐसे में आप हमारी इस आर्टिकल में दी गईं ट्रिक्स को अपनाकर आसानी से असली और नकली सिक्कों में अंतर पता कर सकते हैं।

    By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Sun, 23 Oct 2022 09:35 AM (IST)
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    Diwali 2022 tip for identify fake silver coins

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। दिवाली का मौका है और इस दौरान लोग घरों में पूजन के लिए सोना- चांदी खरीदना पसंद करते हैं। माना जाता है कि दिवाली के समय घर में सोना-चांदी लाने से समृद्धि बढ़ती है और माता लक्ष्मी जी की कृपा आप पर बनी रहती हैं। पिछले कुछ दशकों में सोने की कीमत में काफी उछाल आया है और यह आम आदमी के बजट से बाहर हो गया है। ऐसे में बहुत से लोग दिवाली के उत्सव को मनाने के लिए चांदी के सिक्के या फिर गणेश जी और लक्ष्मी जी की चांदी की सिक्के से ही पूजन करना पसंद करते हैं।

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    दिवाली के अवसर पर इस कारण चांदी की मांग बढ़ जाती है और कुछ दुकानदार अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में चांदी में मिलावट करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में आपको इस बात की पूरी जानकारी होनी चाहिए कि असली और नकली चांदी की कैसे पहचान करें, जिसके बारे में आज हम अपने इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं।

    शुद्ध चांदी के मापदंड

    चांदी की शुद्धता के लिए फाइननेस (Fineness) मापदंड उपयोग किया जाता है। यह कुछ हद तक सोने कैरेट की तरह ही होता है। इसमें शुद्धता का मापदंड 999, 925, 900 से तय किया जाता है। यह नंबर जितना अधिक होगा, चांदी भी उतनी ही शुद्ध होगी। यह पूरे राष्ट्रीय स्तर पर मान्य है और इसे ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स द्वारा तय किया गया है।

    जर्मन सिल्वर मिलाकर बेचे जाते हैं सिक्के

    दिवाली के अवसर पर बाजार में मांग को देखते हुए कई दुकानदार जर्मन सिल्वर और गिलट मिलाकर सिक्के बेचते हैं। यह मिलावट दो तरीके से की जाती है- पहला चांदी के सिक्कों में 30 से 40 प्रतिशत गिलट या फिर जर्मन सिल्वर मिलाकर बेचा जाता है और दूसरा 99 प्रतिशत गिलट या फिर जर्मन सिल्वर के सिक्के बेचे जाते हैं, जिस पर चांदी की पॉलिश की जाती है।

    चांदी की शुद्धता कैसे करें पहचान

    मैग्नेट टेस्ट

    चांदी की सबसे बड़ी खास बात होती है कि धातु होने के बाद भी इसमें कोई भी चुंबकीय गुण नहीं होता है। अगर दुकानदार द्वारा बेची जाने वाली चांदी मैग्नेट से चिपक कर रही है तो समझ लीजिए कि उसमें किसी तरह की मिलावट की गई है और वह असली चांदी नहीं है।

    बर्फ से करें टेस्ट

    चांदी पर बर्फ अन्य धातुओं के अपेक्षा काफी तेजी से निकलती है। इसके जरिए भी आसानी से आप असली और नकली चांदी में फर्क कर सकते हैं ।

    चांदी को घिसकर

    चांदी को घिसकर या फिर रगड़कर टेस्ट करना काफी एक अच्छा परीक्षण माना जाता है। चांदी को घिसने पर अगर एक सफेद लाइन बन रही है, तो वह असली है। अगर उसमें किसी और रंग की लाइन बनती है, तो मान लीजिए वह मिलावटी है।

    नाइट्रिक एसिड टेस्ट

    सोने और चांदी की शुद्धता पहचानने के लिए नाइट्रिक एसिड टेस्ट सबसे अच्छा माना जाता है। इसका प्रयोग विक्रेताओं की ओर से भी किया जाता है। यह लगभग हर सोना-चांदी विक्रेता की दुकान पर उपलब्ध होता है। अगर आप कोई सोने-चांदी से बनी वस्तु खरीद रहे हैं और उस पर नाइट्रिक एसिड डालने पर हरा या नीली रंग हो जाए तो वह मिलावटी है। अगर उसका सफेद या हल्का कला नजर आए तो वो चांदी असली मानी जाती है।

    ऐसे तय करें चांदी की कीमत

    चांदी की कीमत को शुद्धता के आधार पर तय किया जाता है। इसके लिए आप (चांदी की कीमत * चांदी का वजन * चांदी की शुद्धता = चांदी की कीमत) ये फॉर्मूला उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि सोना-चांदी खरीदते समय हमेशा विक्रेता से जीएसटी नंबर वाला बिल लें, जिस पर चांदी की प्योरिटी और वजन के बारे में स्पष्ट रुप से लिखा हो, जिससे कोई भी समस्या आने पर आपको मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ें।

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