Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अर्थव्यवस्था भरेगी उड़ान: 22 फीसदी बढ़ा डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन, जीएसटी कलेक्शन में भी उछाल

    मौजूदा वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स से 22.07 लाख करोड़ रुपये कलेक्ट करने का लक्ष्य है। प्रत्यक्ष कर संग्रह में अच्छी ग्रोथ दिखी। साथ ही जीएसटी कलेक्शन भी जुलाई में 1.82 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया। उच्च कर संग्रह देश के राजकोषीय घाटे को कम करने और अर्थव्यवस्था के मूल सिद्धांतों को मजबूत करने में मदद करते हैं। इससे रोजगार पैदा होने

    By Agency Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 13 Aug 2024 06:35 PM (IST)
    Hero Image
    4.47 लाख करोड़ रुपये का पर्सनल इनकम टैक्स है।

    आईएएनएस, नई दिल्ली। भारत के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में जोरदार इजाफा हुआ है। मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक (1 अप्रैल से 11 अगस्त तक) नेट डायरेक्ट कलेक्शन 22.5 फीसदी बढ़कर 6.93 लाख करोड़ रुपये हो गया। इससे उम्मीद है कि भारत का राजकोषीय घाटा नियंत्रण में रहेगा और आर्थिक तरक्की की रफ्तार तेज होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 4.47 लाख करोड़ रुपये का पर्सनल इनकम टैक्स (PIT) और 2.22 लाख करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन शामिल है। सरकार के हालिया डेटा के मुताबिक, सिक्योरिटीज टैक्स (एसटीटी) से 21,599 करोड़ रुपये मिले। वहीं, अन्य करों से 1,617 करोड़ रुपये मिले, जिसमें इक्वालाइजेशन और गिफ्ट टैक्स शामिल हैं।

    कितना जारी हुआ रिफंड

    आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल से 11 अगस्त के बीच 1.20 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए। यह सालाना आधार 33.49 प्रतिशत अधिक है। ग्रॉस बेसिस पर डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 24 प्रतिशत बढ़कर 8.13 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस कलेक्शन में 4.82 लाख करोड़ रुपये का PIT और 3.08 लाख करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट टैक्स शामिल है।

    मौजूदा वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स से 22.07 लाख करोड़ रुपये कलेक्ट करने का लक्ष्य है। प्रत्यक्ष कर संग्रह में अच्छी ग्रोथ दिखी। साथ ही, जीएसटी कलेक्शन भी जुलाई में 1.82 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया। इससे जाहिर होता है कि सरकार अपने लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। उच्च कर संग्रह देश के राजकोषीय घाटे को कम करने और अर्थव्यवस्था के मूल सिद्धांतों को मजबूत करने में मदद करते हैं।

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 4.9 प्रतिशत पर तय किया है। वित्त मंत्री ने कहा, "वित्त वर्ष 2023-24 में यह क्रमश: 14.01 लाख करोड़ रुपये और 11.63 लाख करोड़ रुपये होगा।" सरकार द्वारा उधारी में कमी से बैंकिंग प्रणाली में कंपनियों के पास निवेश के लिए उधार लेने के लिए अधिक पैसा बचेगा, जिससे विकास को बढ़ावा मिलेगा और अधिक नौकरियां पैदा होंगी।

    यह भी पढ़ें : यस बैंक से SBI को होगा 100 अरब का मुनाफा! जापान और दुबई के बैंकों को हिस्सेदारी बेचने की तैयारी