Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Digital Currency: 100 से अधिक देशों में मौजूद है डिजिटल करेंसी, भारत में आज से होगी शुरुआत

    By Jagran NewsEdited By: Siddharth Priyadarshi
    Updated: Thu, 01 Dec 2022 11:31 AM (IST)

    भारत ने अपनी डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत 1 नवंबर 2022 को कर दी है। फिलहाल अभी यह सरकारी प्रतिभूतियों के लेन-देन में इस्तेमाल की जा रही है लेकिन जल्द ही रिटेल यूजर्स के लिए इसकी शुरुआत होने की उम्मीद है।

    Hero Image
    Digital Currency: These Countries Using Digital Currency

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अब जेब में कैश लेकर चलने की जरूरत रहेगी और न ही किसी थर्ड पार्टी ऐप द्वारा ऑनलाइन पेमेंट की कोई मजबूरी होगी। आज भारत का रिटेल डिजिटल रुपया (Digital Rupee) लॉन्च होने जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च करने की घोषणा कर चुका है। आपको बता दें कि इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने एक नवंबर से देश में प्रायोगिक तौर पर केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) की शुरुआत की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत ही नहीं, विश्व के लगभग आधे देशों में इस समय सीबीडीसी पर काम हो रहा है। आइए समझें, क्या है यह करेंसी, कैसे काम करती है और कौन सा देश इस नवाचार में कितना आगे बढ़ा है...

    क्या होती है केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी

    • किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी इलेक्ट्रानिक मुद्रा को ही सीबीडीसी कहते हैं। भौतिक मुद्रा के स्थान पर इसका प्रयोग किया जाता है। इसका मूल्य भी केंद्रीय बैंक द्वारा भौतिक मुद्रा के समान ही रखा जाता है।
    • इन्हें केंद्रीय बैंक द्वारा इसलिए जारी किया जाता है क्योंकि किसी देश में मुद्रा की आपूर्ति, उसकी निगरानी और मौद्रिक नीति बनाने की जिम्मेदारी इन्हीं बैंक के पास होती है। सीबीडीसी भौतिक मुद्रा का विकल्प नहीं होगी, बल्कि इसके पूरक के रूप में प्रयोग की जाएगी।

    कितनी सुरक्षित है डिजिटल करेंसी

    • बिटक्वाइन जैसी निजी डिजिटल करेंसी के मुकाबले इसे सुरक्षित माना जाता है क्योंकि सीबीडीसी देश द्वारा जारी करेंसी होती है। l
    • विश्व आर्थिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) के अनुसार लोग नकदी के बजाय डिजिटल भुगतान अधिक करते हैं। सीबीडीसी को वह बैंक अकाउंट या फिर इलेक्ट्रानिक टोकन के रूप में मोबाइल फोन, प्रीपेड कार्ड और डिजिटल वालेट में रख सकते हैं।
    • यूरोपीय सेंट्रल बैंक का कहना है कि इससे लोगों को भुगतान के अधिक विकल्प मिलेंगे।
    • डब्ल्यूईएफ के अनुसार डिजिटल चोरी और नेटवर्क फेल होने की स्थिति में सीबीडीसी एक व्यापक समस्या भी बन सकती है।

    यह होंगे डिजिटल करेंसी के लाभ 

    • विश्व बैंक की रिपोर्ट कहती है कि विश्व में 1.7 अरब वयस्कों के पास बैंक अकाउंट नहीं हैं। इससे गरीबी उन्मूलन व उन्हें वित्तीय ढांचे में शामिल करने में परेशानी होती है। सीबीडीसी से इसमें सहायता मिलेगी
    • अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि किसी प्राकृतिक आपदा, भुगतान की विफलता और नकदी की कमी की स्थिति में सीबीडीसी एक अच्छा विकल्प साबित हो सकती है।
    • आर्थिक अपराधों पर लगाम कसी जा सकेगी। सीबीडीसी लेनदेन में पारदर्शिता को बढ़ावा देगी।

    बहामास ने मारी बाजी, चीन की तैयारी

    • अटलांटिक काउंसिल के अनुसार सौ से अधिक देशों में सीबीडीसी पर कार्य चल रहा है। बहामास विश्व का पहला देश है जिसने सीबीडीसी लांच की है। वहां के लोगों को इससे भुगतान में काफी आसानी हुई है। जमैका को नकदी संचालन में प्रतिवर्ष सत्तर लाख डालर की बचत का अनुमान है।
    • जापान, रूस और दक्षिण कोरिया इसे लांच करने पर विचार कर रहे हैं। अमेरिका और यूनाईटेड किंगडम में भी इस पर शोध व मंथन चल रहा है।

    किस देश में कब हुई शुरुआत

    • बहामास: अक्टूबर 2020 में यहां सैंड डालर के रूप में डिजिटल करेंसी लांच हुई
    • चीन: वर्ष 2020 में सीबीडीसी का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने वाली पहली बड़ी अर्थव्यवस्था
    • उरुग्वे: वर्ष 2017 में ई-पेसो डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बावजूद अभी इसे लांच नहीं किया गया है
    • यूके: खतरों का आकलन करने के बावजूद अभी सीबीडीसी जारी नहीं की गई है

    (स्रोत: पीडब्लूसी ग्लोबल सीबीडीसी इंडेक्स-2021)

    इनपुट: आइएमएफ, विश्व बैंक, डब्ल्यूईएफ