17000 करोड़ का भारी घाटा फिरभी टाटा ग्रुप ने Tata Digital पर जताया भरोसा, किया 4000 करोड़ का निवेश; क्या है प्लान?
Tata Group ने टाटा डिजिटल (Tata Digital Investment) में एक बार फिर बड़ा दांव लगाया है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 में 4000 करोड़ रुपए की नई इक्विटी निवेश की है। यह खुलासा कंपनी ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) को दी फाइलिंग में किया है। दिलचस्प बात यह है कि यह निवेश ऐसे समय हुआ है जब टाटा डिजिटल का कुल घाटा बढ़कर 16958.3 करोड़ रुपए हो गया है।

नई दिल्ली| टाटा ग्रुप ने अपने ई-कॉमर्स बिजनेस टाटा डिजिटल (Tata Digital Investment) में एक बार फिर बड़ा दांव लगाया है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में 4,000 करोड़ रुपए की नई इक्विटी निवेश की है। यह खुलासा कंपनी ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) को दी फाइलिंग में किया है। दिलचस्प बात यह है कि यह निवेश ऐसे समय हुआ है, जब टाटा डिजिटल का कुल घाटा बढ़कर 16,958.3 करोड़ रुपए हो गया है।
वित्त वर्ष 2025 में कंपनी को 4,609.9 करोड़ रुपए का नेट लॉस हुआ, जो पिछले साल के मुकाबले 9.5% ज्यादा है। वहीं, कुल ऑपरेटिंग रेवेन्यू 31,953 करोड़ रुपए रहा, जो साल-दर-साल 5% की बढ़ोतरी दर्शाता है। FY24 में टाटा डिजिटल में कोई नई इक्विटी नहीं डाली गई थी।
क्या कहते हैं बिजनेस एनालिस्ट?
बिजनेस एनालिस्ट्स का मानना है कि यह नया निवेश टाटा सन्स के लंबे समय के भरोसे और रणनीतिक धैर्य को दिखाता है। अल्टइन्फो (AltInfo) के फाउंडर मोहित यादव बताते हैं कि,
"ब्याज लागत 41% बढ़कर 1,500 करोड़ रुपए हो गई है और कुल उधारी 9,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। ऐसे में मुनाफे तक पहुंचने की राह अब भी मुश्किल और पूंजी-प्रधान बनी हुई है।"
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सभी बड़े ब्रांड अब भी नुकसान में
टाटा डिजिटल के तहत आने वाले सभी प्रमुख प्लेटफॉर्म जैसे क्रोमा (Croma), बिगबास्केट (BigBasket), टाटा वनएमजी (Tata 1MG) और टाटा क्लिक (Tata Cliq) अभी नुकसान में हैं।
- सुपर मार्केट ग्रॉसरी सप्लाईज़ (BigBasket की B2B शाखा) का घाटा 20% घटकर 102 करोड़ रुपए रह गया।
- इनोवेटिव रिटेल कॉन्सेप्ट्स, जो बिगबास्केट का उपभोक्ता प्लेटफॉर्म चलाती है, उसका घाटा FY24 के 1,267 करोड़ रुपए से बढ़कर 1,851 करोड़ रुपए हो गया।
- टाटा वनएमजी हेल्थकेयर सोॉल्यूशन (Tata 1MG Healthcare Solutions) का नुकसान 341 करोड़ रुपए पर स्थिर रहा।
- क्रोमा (Infiniti Retail) का घाटा 987 करोड़ रुपए से बढ़कर 1,091 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
- टाटा क्लिक (Tata UniStore) का घाटा 391 करोड़ से घटकर 314 करोड़ रुपए रह गया।
‘गोइंग कन्सर्न’ पर सवाल, पर प्रबंधन को भरोसा
कंपनी ने फाइलिंग में माना कि लगातार घाटे और 4,413.9 करोड़ रुपए की नेट करंट लायबिलिटी ने व्यवसाय के 'गोइंग कन्सर्न' को लेकर संदेह पैदा किया है। हालांकि, प्रबंधन का कहना है कि कंपनी की नेटवर्थ 8,189.4 करोड़ रुपए पॉजिटिव है और बैंक बैलेंस व इन्वेस्टमेंट्स मिलाकर 223.9 करोड़ रुपए की नकदी मौजूद है। फाइलिंग में कहा गया है कि,
"कंपनी भविष्य की योजनाओं और फंड जुटाने की क्षमता को देखते हुए आश्वस्त है कि गोइंग कन्सर्न उचित है।"
2019 में हुई थी टाटा डिजिटल की शुरुआत
टाटा डिजिटल की शुरुआत अगस्त 2019 में हुई थी, ताकि सभी कंज्यूमर डिजिटल बिजनेस को एक छतरी के नीचे लाया जा सके। इससे पहले FY22 में टाटा ग्रुप ने इसमें 11,872 करोड़ रुपए का सबसे बड़ा वार्षिक निवेश किया था। कुल मिलाकर, भारी घाटे के बावजूद टाटा ग्रुप ने दिखा दिया है कि डिजिटल बिजनेस में उसका भरोसा अब भी बरकरार है और ये दांव लंबी रेस का है।
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