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    दिल्ली मेट्रो 7131 करोड़ बकाया भुगतान के लिए बेचेगी शेयर

    By Jagran NewsEdited By: Siddharth Priyadarshi
    Updated: Thu, 15 Dec 2022 08:55 PM (IST)

    Delhi Metro Rights Issue डीएमआरसी ने अपने दोनों शेयरधारकों के लिए राइट्स इशू किया जारी किया है। दिल्ली मेट्रो में केंद्र व दिल्ली सरकार की है 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन मेट्रो कारिडार का निर्माण डीएएमईपीएल ने कराया था।

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    Delhi metro will sell shares to pay 7131 crore dues

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना के दौर में भारी भरकम घाटे से दिल्ली मेट्रो अभी ठीक से उबर भी नहीं पाई है। इस बीच रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) के 7131.28 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान के लिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) को पैसा जुटाना मुश्किल हो रहा है।

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    बकाया भुगतान के लिए केंद्र व दिल्ली सरकार से आर्थिक सहायता नहीं मिलने के बाद डीएमआरसी कंपनी का राइट्स इशू किया है। इसके तहत डीएमआरसी अपने दोनों शेयरधारकों केंद्र व दिल्ली सरकार को शेयर बेचकर बकाया भुगतान के लिए 7131 करोड़ रुपये जुटाएगी।

    शेयर बेचेगी डीएमआरसी

    दिल्ली मेट्रो बोर्ड की 13 दिसंबर को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है। इसके बाद बृहस्पतिवार को डीएमआरसी ने राइट्स इशू जारी किया जो 11 जनवरी तक जारी रहेगा। दिल्ली मेट्रो में केंद्र व दिल्ली सरकार की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसलिए डीएमआरसी ने केंद्र व दिल्ली सरकार से इक्विटी योगदान के तौर पर 3565.64- 3565.64 करोड़ रुपये लगाने की सिफारिश की है। ताकि बकाया भुगतान भी हो जाए और केंद्र व दिल्ली सरकार की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी बरकरार रहे।

    राइट्स इशू क्या है

    राइट्स इशू वह प्रक्रिया है, जिसके तहत कोई कंपनी फंड जुटाने के लिए अपने वर्तमान शेयरधारकों को नए इक्विटी शेयर जारी करती है। डीएमआरसी ने फंड जुटाने के लिए 7.13 करोड़ शेयर का आफर किया है। इसके तहत हर शेयर की कीमत एक हजार रुपये है। उल्लेखनीय है कि एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन मेट्रो कारिडार का निर्माण डीएएमईपीएल ने कराया था। शुरुआत में इस कारिडोर पर मेट्रो के परिचालन की जिम्मेदारी भी डीएएमईपीएल के पास ही थी। बाद में कारिडोर में तकनीकी खामी को लेकर विवाद हुआ था। इसके अलावा इस कारिडोर पर मेट्रो भी घाटे में चल रही थी। इस वजह से वर्ष 2013 में डीएमआरसी ने इस कारिडोर को अपने अधीन ले लिया।

    डीएएमईपीएल के पक्ष में आया था फैसला

    सुप्रीम कोर्ट ने नौ सितंबर 2021 को डीएएमईपीएल के पक्ष में फैसला देते हुए डीएमआरसी को बकाया भुगतान करने का आदेश दिया था। इसके मद्देनजर डीएमआरसी ने बकाया भुगतान के लिए बैंकों से कर्ज लेने का प्रयास भी किया था। बाद में मेट्रो ने दिल्ली हाई कोर्ट को सूचित किया कि अगर वह बैंकों से कर्ज लेती है, तो वह कर्ज के जाल में फंस जाएगी। बकाया भुगतान के लिए फंड जुटाने में असफल होने के बाद डीएमआरसी ने राइट्स इशू जारी किया है।

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