ज्यादा रिटर्न और अंतिम समय में आईटीआर दाखिल होने से रिफंड में देरी
जानकारी मिली है कि पिछले साल की तुलना में इस साल काफी अधिक आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) फाइल किए गए है। जिस कारण इस साल इनकम टैक्स रिफंड मिलने में देरी हो सकती है। इसके अलावा आखिरी दिनों में 2 करोड़ से अधिक लोगों के ITR फाइलिंग के कारण भी ऐसा हो रहा है क्योंकि वेरिफिकेशन में बहुत अधिक समय जा रहा है।

राजीव कुमार, नई दिल्ली। इनकम टैक्स रिफंड मिलने में इस साल देर हो रही है। पिछले साल 7-10 दिनों में लोगों को रिफंड मिल जा रहा था जबकि इस बार एक माह बीत जाने के बाद भी लोगों को रिफंड नहीं मिले है। इस मामले में आयकर विभाग का कहना है कि पहला कारण यह है कि पिछले साल की तुलना में इस साल काफी अधिक आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) भरे गए।
दूसरी वजह यह है कि 31 जुलाई आईटीआर भरने का अंतिम समय था और आखिर के तीन-चार दिनों में दो करोड़ से अधिक लोगों ने आईटीआर भरने का काम किया। इनके वेरिफिकेशन में वक्त लगेगा। इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक मूल्यांकन वर्ष 2024-25 के लिए गत 31 जुलाई तक 7.28 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए जबकि पिछले साल 31 जुलाई तक 6.77 करोड़ आईटीआर दाखिल हुए थे।
इस साल दाखिल हुए 2.28 करोड़ ITR
गत 31 जुलाई तक 51 लाख अधिक आईटीआर भरे जा चुके थे। आईटीआर की संख्या अधिक होने से उनके वेरिफिकेशन में भी समय लगता है और इस वजह से भी रिफंड में कुछ देर हो सकती है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अब जिन लोगों ने जुलाई के आखिरी सप्ताह में रिटर्न भरा है, उनके रिफंड में अभी समय लग सकता है क्योंकि टीडीएस के सत्यापन में एक माह का समय लग जाता है।
इस साल 27 जुलाई से 31 जुलाई के बीच 2.28 करोड़ लोगों ने आईटीआर दाखिल किया। इन रिटर्न का वेरिफिकेशन 26-30 अगस्त के बीच होने की उम्मीद है। अधिकारी के मुताबिक वैसे भी नियम के मुताबिक रिटर्न भरने से लेकर 90 दिनों के भीतर रिफंड जारी किया जा सकता है।
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TDS की जांच करता है टैक्स विभाग
इनकम टैक्स विभाग पहले टीडीएस की जांच करता है और सही दावा होने पर ही रिफंड जारी किया जाता है। इनकम टैक्स के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिका जैसे देश में टीडीएस रिफंड तुरंत हो जाता है और वहां इस मामले में धोखाधड़ी भी खूब होती हैं। लेकिन भारत में जब विभाग आश्वस्त हो जाता है कि टीडीएस की रकम मिली है तभी रिफंड की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
विभाग के अधिकारी के मुताबिक अमूमन रिफंड के खाते में आने तक चार-पांच सप्ताह का समय लग जाता है। अगर पांच सप्ताह के बाद भी रिफंड नहीं मिला है तो एक बार टैक्सपेयर को ऑनलाइन यह चेक कर लेना चाहिए कि आईटीआर में कहीं कोई कमी तो नहीं रह गई है। कमी होने पर विभाग टैक्सपेयर्स को ऑनलाइन इसकी सूचना भेज रहा है।


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