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    पीएफएमएस से 34 लाख करोड़ रुपये की डीबीटी की सुविधा मिली: सीतारमण

    By Agency Edited By: Ankita Pandey
    Updated: Fri, 01 Mar 2024 09:14 PM (IST)

    सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) ने 34 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की सुविधा दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 48वें नागरिक लेखा दिवस के अवसर पर लेखा महानियंत्रक (सीजीए) और भारतीय नागरिक लेखा संगठन (आइसीएओ) को एक लिखित संदेश में कहा कि पीएफएमएस एक मजबूत भुगतान और लेखा नेटवर्क के साथ ही कुशल कोष प्रवाह प्रणाली स्थापित करने की आधारशिला रहा है।

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    पीएफएमएस से 34 लाख करोड़ रुपये की डीबीटी की सुविधा मिली: सीतारमण

    पीटीआई, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) ने 34 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की सुविधा दी है। उन्होंने लेखा अधिकारियों से प्रणाली की दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए भी कहा।

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    सीतारमण ने 48वें नागरिक लेखा दिवस के अवसर पर लेखा महानियंत्रक (सीजीए) और भारतीय नागरिक लेखा संगठन (आइसीएओ) को एक लिखित संदेश में कहा कि पीएफएमएस एक मजबूत भुगतान और लेखा नेटवर्क के साथ ही कुशल कोष प्रवाह प्रणाली स्थापित करने की आधारशिला रहा है।

    क्या है पीएफएमएस ?

    पीएफएमएस एक प्रबंधन सूचना प्रणाली है, जिसका इस्तेमाल भारतीय नागरिक लेखा सेवा के अधिकारी सरकार के खातों को संभालने के लिए करते हैं। इसका इस्तेमाल डीबीटी के जरिए विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थी खातों में धनराशि स्थानांतरित करने के लिए भी किया जाता है। संदेश को वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने पढ़ा।

    सीतारमण ने अपने संदेश में कहा कि पीएफएमएस के माध्यम से सुगम डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से सरकार को 34 लाख करोड़ रुपये का हस्तांतरण हुआ है। यह अक्षमताओं को दूर करने और यह सुनिश्चित करने में प्रणाली की प्रभावशीलता का एक प्रमाण है कि लाभ बिना किसी रिसाव के सीधे नागरिकों तक पहुंचाया जाए।

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    वित्तीय प्रशासन में क्रांति

    उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि राज्य सरकारों सहित 1,081 विभिन्न योजनाओं को डीबीटी में निर्बाध रूप से एकीकृत किया गया है।

    पीएफएमएस, जिसे व्यय विभाग के तहत लेखा महानियंत्रक(कंट्रोलर  द्वारा विकसित और कार्यान्वित किया गया है, ने सरकार के वित्तीय प्रशासन में क्रांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

    सीतारमण ने कहा कि इसने न केवल वास्तविक समय, विश्वसनीय और सार्थक प्रबंधन सूचना प्रणाली की सुविधा प्रदान की है, बल्कि अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और जन-केंद्रित शासन का मार्ग भी प्रशस्त किया है।

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