सबसे कम है भारत में डेटा सेंटर स्थापित करने की लागत, जानिए किस देश में कितना आता है खर्च
Data Centre Cost India भारत में दुनिया का सिर्फ 3 प्रतिशत डेटा परिचालन होता है जबकि 20 प्रतिशत वैश्विक डेटा डिमांड यहीं से निकलती है। इससे भारत में डेटा सेंटर की जरूरत का पता चलता है। अच्छी बात यह है कि कम लागत उचित रेगुलेटरी वातावरण और राज्यों की लुभावनी नीतियों के कारण भारत में इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है।

Data Centre Cost India: हाल के महीनों में देश में डेटा सेंटर की स्थापना में तेजी की अनेक खबरें आपने पढ़ी होंगी। इसकी एक खास वजह है। कोटक म्यूचुअल फंड की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया में डेटा सेंटर की स्थापना के लिए सबसे किफायती बाजारों में से एक बनकर उभरा है।
किस देश में कितनी है लागत
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में डेटा सेंटर स्थापना की लागत 7 डॉलर प्रति वॉट (USD/W) है, जो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम है। चीन एकमात्र देश है जहां लागत भारत से कम, 6 डॉलर प्रति वॉट है। तुलनात्मक रूप से देखें तो जापान में यह लागत लगभग 14 डॉलर प्रति वॉट, ब्रिटेन में 11 डॉलर प्रति वॉट और अमेरिका, दक्षिण कोरिया तथा ऑस्ट्रेलिया में लगभग 10 डॉलर प्रति वॉट है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अपेक्षाकृत कम लागत भारतीय बाजार में, विशेष रूप से हाइपरस्केल कोलोकेशन सेगमेंट में, गहरी रुचि पैदा कर रही है। भारत में हाइपरस्केल डेटा सेंटर डेवलपमेंट में शामिल कंपनियों की संख्या 2019 में 5 थी, जो बढ़कर 2024 में 15 हो गई हैं। यह इसकी बढ़ती मांग को दर्शाती है। हाइपरस्केलर्स को लीज पर दी गई कोलोकेशन क्षमता में पिछले पांच वर्षों में चार गुना वृद्धि हुई है।
राज्य भी दे रहे हैं इन्सेंटिव
रिपोर्ट में डेटा सेंटर विस्तार को प्रोत्साहित करने में राज्य सरकारों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया है। उदाहरण के लिए तमिलनाडु की 2021 की नीति में बिजली शुल्क पर 100 प्रतिशत सब्सिडी, दोहरी पावर ग्रिड उपलब्धता, व्हीलिंग शुल्क पर 50 प्रतिशत छूट और रियायती ओपन एक्सेस शुल्क प्रदान किए गए हैं। उत्तर प्रदेश ने ओपन एक्सेस उपलब्धता के साथ बिजली शुल्क पर 100 प्रतिशत छूट, दोहरी पावर ग्रिड पहुंच, व्हीलिंग शुल्क पर 50 प्रतिशत छूट और ट्रांसमिशन शुल्क पर 100 प्रतिशत छूट की पेशकश की है।
तेलंगाना की 2016 की नीति में उत्पादन लागत पर बिजली आपूर्ति, दोहरे पावर ग्रिड की उपलब्धता, ओपन एक्सेस के तहत रिन्यूएबल ऊर्जा और सब्सिडी वाले ईंधन का प्रावधान है। इसी प्रकार महाराष्ट्र ने 2023 में बिजली शुल्क से आजीवन छूट, जोन 1 से बाहर पांच वर्षों के लिए एक रुपये प्रति यूनिट बिजली सब्सिडी, कैप्टिव रिन्यूएबल ऊर्जा और ओपन-एक्सेस बिजली का प्रावधान किया है।
डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए रेगुलेटरी सपोर्ट
रिपोर्ट में बताया गया है कि रेगुलेटरी वातावरण भी डेटा सेंटर के विकास को बढ़ावा दे रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2018 में पेमेंट कंपनियों के लिए डेटा लोकलाइजेशन अनिवार्य किया था। सेबी (SEBI) ने 2023 में अपनी सभी रेगुलेटेड संस्थाओं के लिए इसी तरह का आदेश जारी किया था।
इसके अलावा डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम (डीपीडीपी) 2023 भी है। यह लोकलाइजेशन को स्पष्ट रूप से अनिवार्य नहीं करता, लेकिन इसके तहत सरकार को सीमा-पार डेटा ट्रांसफर प्रतिबंधित करने का अधिकार है। यह प्रावधान भी डेटा के घरेलू स्टोरेज और प्रोसेसिंग को परोक्ष रूप से प्रोत्साहन देता है।
फिलहाल भारत में दुनिया का सिर्फ 3 प्रतिशत डेटा परिचालन केंद्र है, जबकि वैश्विक डेटा डिमांड का लगभग 20 प्रतिशत भारत में है। हाइपरस्केल सेवाओं के अधिक उपयोग के कारण अधिकांश भारतीय डेटा अभी देश के बाहर स्टोर किया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कम लागत और अनुकूल नीतियों के साथ मिलकर यह अंतर आने वाले वर्षों में भारत के डेटा केंद्र सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण अवसर पैदा करता है।
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