Current Account Deficit: भारत के चालू खाता घाटे में गिरावट, 2.2 फीसद तक आई कमी
Current Account Deficit By RBI Data Of Q3 आरबीआई ने चालू खाता घाटा के तीसरी तिमाही के आंकड़ों को जारी कर दिया है। डेटा के मुताबिक इसमें GDP के 2.2 फीसद तक कमी आई है। इससे जुड़ी पूरी नीचे देखें। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत का चालू खाता घाटा (Current Account Deficit-CAD) दिसंबर तिमाही में घटकर काफी कम रह गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, यह घाटा 18.2 अरब डॉलर या जीडीपी का 2.2 प्रतिशत रह गया है। गिरावट मुख्य कारण माल व्यापार घाटे में होने वाली कमी के कारण है।
तिमाही के आंकड़े
इसके तिमाही आंकड़ों पर नजर डालें तो 2022-23 की दूसरी तिमाही में चालू खाता घाटा (CAD) 30.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर या जीडीपी का 3.7 प्रतिशत था। वहीं, 2021-22 की दिसंबर तिमाही में 22.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर या जीडीपी का 2.7 प्रतिशत था। आरबीआई ने के मुताबिक, आय खाते से शुद्ध व्यय, एक साल पहले की अवधि में 11.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 12.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-दिसंबर 2021 की अवधि के दौरान 1.1 प्रतिशत की कमी की तुलना में अप्रैल-दिसंबर 2022 की अवधि के दौरान भारत ने सकल घरेलू उत्पाद का 2.7 प्रतिशत चालू खाता घाटा दर्ज किया गया था।
व्यापारिक व्यापार घाटा में भी आई कमी
2022-23 की तीसरी तिमाही में कम चालू खाता घाटा होने के कारण व्यापारिक व्यापार घाटा (merchandise trade deficit) में भी कमी आई है। 2022-23 की दूसरी तिमाही में यह 78.3 अरब डॉलर से घटकर 72.7 अरब डॉलर हो गया, जो मजबूत सेवाओं और निजी प्राप्तियों को दर्शाता है।
सेवा निर्यात में आई बढ़ोतरी
इन सबके अलावा, सेवा निर्यात (Services Exports) में बढ़ोतरी देखने को मिली। सॉफ्टवेयर, व्यापार और यात्रा सेवाओं के बढ़ते निर्यात से सालाना आधार पर 24.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वही, दिसंबर तिमाही में शुद्ध विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) घटकर 2.1 अरब डॉलर रह गया, जो एक साल पहले की अवधि में 4.6 अरब डॉलर था।
इन सेगमेंट में दिखी तेजी
2021-22 की तीसरी तिमाही में यह 5.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बहिर्वाह के मुकाबले दिसंबर तिमाही में शुद्ध विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में 4.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। निजी हस्तांतरण रसीदें (Private Transfer Receipt) दिसंबर तिमाही में 30.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि थी, जो एक साल पहले 31.7 प्रतिशत पर थी।