Cryptocurrency और Digital Currency में क्या अंतर है? आसान शब्दों में समझिए
Cryptocurrency Vs Digital Currency क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी दो अलग-अलग चीजें हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद इस बात को स्पष्ट किया है ...और पढ़ें

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को अपने बजट 2022-23 के भाषण के दौरान डिजिटल संपत्ति, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और अपूरणीय टोकन (NFTs) शामिल हैं, उनके हस्तांतरण से होने वाली किसी भी आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने की घोषणा की। और, इसके तुरंत बाद वित्त मंत्री ने भारत की अपनी डिजिटल करेंसी का भी ऐलान कर दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी जारी करेगा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को वित्त वर्ष 2022-23 किसी समय जारी किया जा सकता है।
डिजिटल संपत्ति के लिए कराधान की घोषणा के तुरंत बाद सीबीडीसी की घोषणा ने बहुत से लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या सीबीडीसी पर भी कर लगेगा। ऐसे इसीलिए हुआ क्योंकि ज्यादातर लोग क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी को एक ही मान रहे हैं। हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात को साफ किया क्रिप्टोकरेंसी (उन्होंने सिर्फ क्रिप्टो ही बोला था, इसके आगे करेंसी नहीं जोड़ा था) कोई करेंसी नहीं है। करेंसी वो होती है, जिसे केंद्रीय बैंक जारी करता है, जिसे वह इस साल जारी करेगा।
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में अंतर?
डिजिटल करेंसी अनिवार्य रूप से सरकार द्वारा जारी करेंसी का इलेक्ट्रॉनिक रूप है जबकि क्रिप्टोकरेंसी मूल्य का एक भंडार है, जो एन्क्रिप्शन के द्वारा सुरक्षित है। क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल संपत्ति कहलाती हैं जबकि डिजिटल करेंसी कोई डिजिटल संपत्ति नहीं है। लोगों ने विशेष रूप से महामारी के दौरान जिन डिजिटल वॉलेट का उपयोग करना शुरू किया, उनमें डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी, दोनों हो सकते हैं लेकिन यह दोनों वास्तव में एक दूसरे से अदली-बदली नहीं जा सकती हैं।
डिजिटल करेंसी, मौजूदा पेपर मनी (नोट) का इलेक्ट्रॉनिक रूप है। यह संपर्क रहित लेनदेन में उपयोग की जा सकती है, जैसे- आपके बैंक खाते से इलेक्ट्रॉनिक रूप से किसी और को भुगतान करना। सभी ऑनलाइन लेनदेन में डिजिटल करेंसी शामिल होती है। हालांकि, जब आप उस पैसे को बैंक या एटीएम से निकाल लेते हैं, तो वह डिजिटल करेंसी, तरल नकदी में बदल जाती है।
क्रिप्टोक्यूरेंसी मूल्य का एक भंडार है, जो एन्क्रिप्शन द्वारा सुरक्षित है। क्रिप्टोक्यूरेंसी निजी स्वामित्व में हैं और इन्हें उन्नत ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है। अभी तक अधिकांश देशों में क्रिप्टोक्यूरेंसी को नियमित नहीं किया गया है। हालांकि, डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक द्वारा नियमित होती है।
डिजिटल करेंसी को एन्क्रिप्शन की आवश्यकता नहीं है लेकिन हैकिंग और चोरी की संभावना को कम करने के लिए सभी उपयोगकर्ताओं को अपने डिजिटल वॉलेट और बैंकिंग ऐप को मजबूत पासवर्ड तथा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के साथ सुरक्षित करने की आवश्यकता होती है। यही बात डेबिट और क्रेडिट कार्डों पर भी लागू होती है, जिनसे डिजिटल करेंसी में लेनदेन किया जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी को मजबूत एन्क्रिप्शन द्वारा संरक्षित किया जाता है और क्रिप्टो में व्यापार करने के लिए उपयोगकर्ताओं के पास बैंक अकाउंट होना चाहिए, जिससे वह डिजिटल करेंसी (बैंक खाते में पैसे) से बदले ऑनलाइन तरीके से संबंधित मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी खरीदता है। इसे ऐसे समझिए कि आपके बैंक खाते में 100 रुपये हैं और आपने उन 100 रुपये का टिजिटल तरीके से कोई सामान (जिसकी मौजूदा कीमत 100 रुपये है) खरीदा है।

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