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    क्या होता है CVV और CVC नंबर, Debit और Credit Card यूजर्स को इन्हें सीक्रेट रखने के लिए क्यों कहा जाता है?

    By Priyanka KumariEdited By: Priyanka Kumari
    Updated: Wed, 03 Jan 2024 03:09 PM (IST)

    CVV and CVC अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड को ध्यान से देखें तो आप पाएंगे कि उस पर सीवीवी नंबर लिखा रहता है। ऑनलाइन शॉपिंग करते समय कई बार इस नंबर को दर्ज करना होता है। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल होता है कि आखिर यह नंबर इतना महत्वपूर्ण क्यों है और साथ ही इस नंबर को गोपनीय रखने की सलाह क्यों मिलती है।

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    Credit Card पर लिखे CVV और CVC नंबर में क्या है अंतर

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। ऑनलाइन शॉपिंग करते समय जब भी पेमेंट करते हैं तो उस समय हम से सीवीवी नंबर मांगा जाता है। इस नंबर को दर्ज किये बिना हम कोई पेमेंट नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा हमसे एक्सपायरी डेट भी मांगा जाता है। जितनी बार भी हम ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं उतनी बार हमें सीवीवी नंबर दर्ज करना होता है।

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    ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल आता है कि आखिर सीवीवी नंबर इतना जरूरी क्यों होता है। बैंक अक्सर ग्राहक को नोटिफिकेशन भेजती है कि वह इस नंबर को गोपनीय रखें। इस नंबर को किसी भी अनजान व्यक्ति को नहीं देना चाहिए। आइए, जानते हैं कि बैंक द्वारा यह सलाह क्यों दी जाती है।

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    सीवीवी नंबर क्या है

    क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के पीछे एक पट्टी होती है। उस पट्टी के आखिर में 3 डिजिट का एक नंबर लिखा होता है। इस नंबर को सीवीवी नंबर कहा जाता है। सीवीवी नंबर का मतलब होता कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू है। वहीं, कार्ड में लिखे सीवीसी नंबर का मतलब कार्ड वेरिफिकेशन कोड है। यह दोनों नंबर कार्ड नेटवर्क द्वारा जारी किया जाता है।

    हर कार्ड नेटवर्क अलग तरीके से इन नेटवर्क को पेश करती है। उदाहरण के तौर पर स्टर कार्ड CVV कोड को CVC2 और VISA इसे CVV2 के रूप में देती है। इसके लिए अलग-अलग तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। ऑनलाइन पेमेंट करते समय इस नंबर या कोड को प्रूफ के तौर पर दर्ज किया जाता है। इसका मतलब होता है कि ग्राहक फिजिकल तौर पर मौजूद है।

    अगर कोई आपके कार्ड के साथ छेड़छाड़ कर देते हैं तब वह बिना सीवीवी नंबर के कोई पेमेंट नहीं कर सकता है। इसका मतलब है कि ऑनलाइन पेमेंट के लिए सीवीवी नंबर का होना बहुत जरूरी होता है। कुछ समय पहले ऑनलाइन पेमेंट केवल सीवीवी नंबर के जरिये होता था।

    लेकिन, एक समय के बाद क्रेडिट कार्ड से हो रही धोखाधड़ी के मामले में वृद्धि देखने को मिली । इसके बाद क्रेडिट कार्ड को डबल सिक्योर करने के लिए ओटीपी वेरिफिकेशन और 3डी सिक्योर पिन का इस्तेमाल पर जोर दिया गया। अब ऑनलाइन शॉपिंग के लिए ओटीपी की जरूरत होती है।

    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऑनलाइन शॉपिंग को सिक्योर करने के लिए 3डी सुरक्षित पासवर्ड अनिवार्य कर दिया है।  

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