Coronavirus Impact: मार्च महीने में चार महीनों के निचले स्तर पर रही देश की Manufacturing PMI
Manufacturing PMI मार्च महीने में देश की निर्माण गतिविधियों की रफ्तार चार महीने के निचले स्तर पर रही है और इसकी रफ्तार में आने वाले समय में काफी अधिक ...और पढ़ें

नई दिल्ली, रॉयटर्स। कोरोना वायरस के चलते देश में औद्योगिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई है। मार्च महीने में देश की निर्माण गतिविधियों की रफ्तार चार महीने के निचले स्तर पर रही है और इसकी रफ्तार में आने वाले समय में काफी अधिक गिरावट आने की आशंका है। कोरोना वायरस के प्रकोप के काराण देशभर में लागू संपूर्ण लॉकडाउन के चलते डिमांड और आउटपुट बुरी तरह प्रभावित हुआ है। एक निजी सर्वे से गुरुवार को यह जानकारी मिली है।
दुनिया के दूसरे सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश भारत में 25 मार्च से 21 दिनों का लॉकडाउन चल रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए यह लॉकडाउन लागू किया गया है। सरकार और आरबीआई द्वारा बड़े आर्थिक और मौद्रिक राहत पैकेज के बावजूद इस लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान होने का अनुमान है।
India's March factory activity growth at four-month low amid coronavirus spread https://t.co/bZROqYe0Zf" rel="nofollow pic.twitter.com/Ewfl6HYNCA
— Reuters India (@ReutersIndia) April 2, 2020
आईएचएस मार्किट द्वारा कंपाइल्ड The Nikkei मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स फरवरी के 54.5 की तुलना में पिछले महीने मार्च में गिरकर 51.8 पर आ गया है। यह नवंबर से इसका सबसे निचला स्तर है। हालांकि, अभी भी इन्डेक्स 50 से ऊपर ही है, जो ग्रोथ को प्रदर्शित कर रही है।
आईएचएस मार्किट के अर्थशास्त्री Eliot kerr ने कहा, 'भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर मार्च महीने में वैश्विक कोरोना वायरस प्रकोप के नकारात्मक प्रभाव से तुलनात्मक रूप से कुछ हद तक बचा रहा। हालांकि, यहां कुछ बाधाएं थीं और कंपनियों के बीच साफ तौर से डर का माहौल था।' उन्होंने कहा, 'परेशानी का सबसे बड़ा संकेत नए एक्सपोर्ट ऑर्डर्स और फ्यूचर एक्टिविटी इंडेक्स से आया है। जो क्रमश: वैश्विक मांग में गिरावट और घेरलू विश्वास में कमी को दर्शाता है।'

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