कॉन्ग्लोमेरेट क्या है: रिस्क को डायवर्सिफाई करें, ग्रोथ का मौका दें
कॉन्गलोमरेट विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाला एक बिजनेस ग्रुप है जो जोखिम कम करता है और आय के स्रोत बढ़ाता है। इसकी सबसे बड़ी ताकत उभरते उद्योगों में विस्तार करने की क्षमता है क्योंकि यह पूंजी-गहन परियोजनाओं को आसानी से फंड कर सकता है। आर्थिक मंदी के दौरान भी यह बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

नई दिल्ली। कॉन्ग्लोमेरेट विभिन्न कंपनियों से मिलकर बना एक ऐसा बिजनेस ग्रुप है, जो एक प्रोमोटर या कंट्रोलिंग संस्था के नेतृत्व में कई क्षेत्रों में काम करता हैं। सिंगल-सेक्टर कंपनियों के विपरीत, यह एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर, फाइनेंस, ऑटोमोटिव और कंज्यूमर गुड जैसे उद्योगों में डायवर्सिफाई होता है। इस स्ट्रक्चर से रेवेन्यू के स्रोत बढ़ते हैं और जोखिम कम होता है, ठीक उसी तरह जैसे निवेशक अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करते हैं।
कॉन्ग्लोमेरेट का सबसे बड़ा फायदा उभरते उद्योगों में इसकी विस्तार करने की क्षमता है। स्ट्रांग बैलेंस शीट और हेल्दी ऑपरेटिंग कैश फ्लो के साथ, ये सेमीकंडक्टर, रिन्यूएबल एनर्जी और इलेक्ट्रिक व्हीकल जैसे क्षेत्रों में ज्यादा केपिटल मांगने वाले प्रोजेक्ट्स को फंड कर सकते हैं। हाई केपिटल एक्सपेंडिचर अक्सर छोटे प्लेयर्स के लिए एक बाधा बन जाता है, लेकिन कॉन्ग्लोमेरेट इन बाधाओं को दूर करने और लंबे समय के लिए अवसरों का लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में होता है।
कॉन्ग्लोमेरेट से क्या फायदे?
कॉन्ग्लोमेरेट को इकोनॉमी ऑफ स्केल्स से भी फायदा होता है। इनके ज्यादा से ज्यादा ग्राहक और उत्पाद आधार क्रॉस-सेलिंग के अवसर और संसाधनों के साझा उपयोग को संभव बनाते हैं, जिससे लागत कम होती है और दक्षता बढ़ती है। उदाहरण के लिए, अगर कोई ग्राहक किसी कॉन्ग्लोमेरेट से फाइनेंशियल सर्विस लेता है, तो उसे इंश्योरेंस, वेल्थ मैनेजमेंट या कंज्यूमर गुड की सर्विस लेने के लिए भी ऑफर किया जा सकता है, जिससे ज्यादा लाभ प्राप्त करने में मदद मिलती है।
आर्थिक मंदी के दौरान कॉन्ग्लोमेरेट्स की ताकत स्पष्ट रूप से देखने को मिलती है। ऐतिहासिक आंकड़े बताते हैं कि डायवर्सिफाई बिजनेस ग्रुप इंफ्रास्ट्रक्चर, मेटल्स और टेलीकॉम जैसे सेक्टर्स में संकट से उबर गए, जबकि छोटी कंपनियां या तो बंद हो गई हैं या उनका अधिग्रहण कर लिया गया। साइकिल का सामना करने की यह क्षमता कई रेवेन्यू लेयर्स से उपजी है, जिससे वे एक बिजनेस के दबाव में भी स्टेब्लिटी बनाए रख पाते हैं।
आज के अनिश्चित ग्लोबल एनवायरमेंट में बढ़ते कर्ज, व्यापार के क्षेत्रीयकरण और सप्लाई चेन में व्यवधानों के साथ, कॉन्ग्लोमेरेट्स वोलैटिलिटी से निपटने के लिए बेहतर साधन है। उनकी फाइनेंशियल स्ट्रेंथ, डायवर्सिफिकेशन और मंदी के दौरानकंसोलिडेट होने की क्षमता उन्हें एक बेहतर कंपीटिटिव एडवानटेज प्रदान करती है।
एक थीम के रूप में, कॉन्ग्लोमेरेट्स इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि कैसे स्केल, इंटीग्रेशन और स्टैटिजीक डायवर्सिफिकेशन सस्टेनेबल ग्रोथ को गति दे सकते हैं। निवेशकों के लिए, यह थीम उन बिजनेस का प्रतिनिधित्व करती है जो न केवल मार्केट में गिरावट के प्रति मजबूत हैं, बल्कि नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए भी पर्याप्त रूप से सक्षम हैं।
इसे ध्यान में रखते हुए, निवेशक ICICI Prudential Mutual Fund की लेटेस्ट स्कीम - ICICI Prudential Conglomerate Fund - पर विचार कर सकते हैं। कॉन्ग्लोमरेट थीम पर आधारित, यह फंड मार्केट कैपिटलाइजेशन की विभिन्न रेंज - लार्ज, मिड और स्मॉल कैप - में निवेश करने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे निवेशकों के कई अवसर मिलते हैं। यह New Fund Offer (NFO) 3 अक्टूबर, 2025 से 17 अक्टूबर, 2025 तक खुला रहेगा।
(Disclaimer:- इस लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं और जागरण न्यू मीडिया कंपनी के विचारों को नहीं दर्शाते हैं। इसमें दिया गया कॉन्टेंट केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे कोई भी निर्णय लेने से पहले किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से सलाह लें। जागरण न्यू मीडिया कंपनी जानकारी की सटीकता की गारंटी नहीं देती है और किसी भी वित्तीय परिणाम के लिए जिम्मेदार नहीं है। सभी निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं।)
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