PayU का हो जाएगा बिलडेस्क, प्रतिस्पर्धा आयोग ने 4.7 बिलियन डॉलर के सौदे पर लगाई मुहर
2018 में वॉलमार्ट द्वारा ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के 16 बिलियन डॉलर के अधिग्रहण के बाद यह भारतीय सेवा क्षेत्र में दूसरी सबसे बड़ी डील होगी। इसके तहत देश के दो सबसे बड़े पेमेंट गेटवे का आपस में विलय हो जाएगा।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। PayU द्वारा बिलडेस्क (BillDesk) का अधिग्रहण करने के सौदे के एक साल बाद भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने 4.7 अरब डॉलर के इस मर्जर को अपनी मंजूरी दे दी है। एक ट्विटर संदेश के जरिए सीसीआई (Competition Commission of India) ने कहा है कि आयोग ने पेयू पेमेंट्स द्वारा IndiaIdeas.com (बिलडेस्क) की इक्विटी शेयर पूंजी के 100 फीसद के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है।
इस मेगा डील को अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक से अंतिम नियामकीय मंजूरी का इंतजार है। 2018 में वॉलमार्ट द्वारा ई-कॉमर्स प्रमुख फ्लिपकार्ट के अधिग्रहण के बाद भारतीय इंटरनेट सेवा क्षेत्र में दूसरी सबसे बड़ी खरीद है।
इसके तहत देश के दो सबसे बड़े पेमेंट गेटवे बिजनेस का विलय हो जाएगा। PayU और BillDesk के अलावा पेमेंट गेटवे बाजार में Razorpay, Pine Labs, Paytm, Infibeam Avenues, MSwipe आदि अन्य पेमेंट गेटवे मौजूद हैं।
एक साल बाद मिली मंजूरी
2000 में एमएन श्रीनिवासु, अजय कौशल और कार्तिक गणपा-ते द्वारा स्थापित बिलडेस्क भुगतान करने, भुगतान स्वीकार करने और उसके कलेक्शन पर केंद्रित है। यह भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) के माध्यम से बिलर नेटवर्क की सेवाएं देता है। इस सौदे की घोषणा एक साल पहले 31 अगस्त, 2021 को की गई थी। इसके बाद भारत में कंपनी का कुल निवेश 10 अरब डॉलर हो गया।
PayU का चौथा भारतीय अधिग्रहण
बिलडेस्क से हुई डील PayU का चौथा भारतीय अधिग्रहण है। इसने 2016 में साइट्रस पे (Citrus Pay), 2019 में विबमो (Wibmo) और 2020 में PaySense का अधिग्रहण किया था। बता दें कि बिलडेस्क को सरकारी लेन-देन के अलावा और बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (बीएफएसआई) सेक्टर में लगभग एकाधिकार हासिल है, जबकि पेयू इंटरनेट के माध्यम से बिल भुगतान स्वीकार करने वाली कंपनियों का पसंदीदा पेमेंट गेटवे है।
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