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    अमेरिका के साथ 9 जुलाई से पहले होगा मिनी व्यापार समझौता! वाणिज्य मंत्रालय ने दी जानकारी

    अमेरिका भी भारत में अपने कृषि पदार्थ के निर्यात को बढ़ाना चाहता है और दोनों देशों के बीच मिनी व्यापार समझौते में अमेरिका की कुछ कृषि आइटम को शामिल किए जाने की पूरी संभावना है। इनमें सेब बादाम पिस्ता जैसे आइटम हो सकते हैं। ऑटोमोबाइल पर भी अमेरिका को शुल्क में और राहत मिल सकती है।

    By Jagran News Edited By: Gyanendra Tiwari Updated: Mon, 16 Jun 2025 08:14 PM (IST)
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    अमेरिका के साथ 9 जुलाई से पहले होगा मिनी व्यापार समझौता

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा है कि नौ जुलाई से पहले अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने की हमारी पूरी कोशिश होगी और कमोबेश दोनों ही देश इसके लिए सहमत होते दिख रहे हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर दो-दो चरण की बातचीत हो चुकी है। दो बार भारत की टीम अमेरिका के दौरे पर जा चुकी है तो दो बार अमेरिकी टीम भारत के दौरे पर आई है।

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    गत 5-11 जून तक अमेरिकी टीम के साथ नई दिल्ली में व्यापार समझौते को लेकर बातचीत हुई और अब भी वर्चुअल तरीके से दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर वार्ता जारी है। गत दो अप्रैल को ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 26 प्रतिशत के पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की थी, लेकिन गत आठ अप्रैल को इस फैसले को 90 दिनों के लिए टाल दिया गया जिसकी अवधि आगामी नौ जुलाई को समाप्त हो रही है।

    मिनी व्यापार समझौते में कौन से सेक्टर शामिल

    भारत की पूरी कोशिश है कि इस अवधि के समाप्त होने से पहले उन वस्तुओं को लेकर अमेरिका के साथ एक मिनी व्यापार समझौता हो जाए जिनका निर्यात भारत मुख्य रूप से अमेरिका के बाजार में करता है। इनमें मुख्य रूप से इंजीनिय¨रग गुड्स, गारमेंट्स, लेदर व लेदर आइटम, केमिकल्स, फार्मा, जेम्स व ज्वेलरी जैसे रोजगारपरक सेक्टर शामिल है।

    अमेरिका को राहत दे चुका है भारत

    भारत पिछले साल जुलाई में पेश बजट में भी अमेरिकी ऑटोमोबाइल्स व कुछ अन्य आइटम पर लगने वाले शुल्क में अमेरिका को राहत दे चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपना पदभार संभालने के बाद भारत व अमेरिका के बीच मुक्त व्यापार समझौता करने की घोषणा की थी जिसका पहला चरण इस साल सितंबर-अक्टूबर में पूरा होने की संभावना है, लेकिन इससे पहले दोनों देशों पारस्परिक शुल्क की अवधि समाप्त होने से पहले मिनी समझौता कर सकते हैं।

    ईरान-इजरायल युद्ध लंबा हुआ तो व्यापार होगा प्रभावित

    निर्यातकों का कहना है कि ईरान व इजरायल के बीच युद्ध के लंबा चलने पर निर्यात प्रभावित हो सकता है। दूसरी तरफ वाणिज्य विभाग युद्ध से विदेश व्यापार पर पड़ने वाले प्रभाव की समीक्षा को लेकर इस सप्ताह सभी स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक करने जा रहा है। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि सबकुछ इस बात पर निर्भर करता है कि इजराइल व ईरान के बीच जारी युद्ध आने वाले समय में क्या मोड़ लेता है। हमने सभी स्टेकहोल्डर्स की बैठक बुलाई है ताकि युद्ध के प्रभाव को कम करने के उपाय किए जा सके।

    निर्यातकों का कहना है कि युद्ध के लंबा चलने पर होर्मुज एवं लाल सागर का रास्ता प्रभावित होगा जिसका असर हमारे व्यापार पर भी पड़ेगा। भारत का दो तिहाई कच्चा तेल और एलएनजी होर्मुज के रास्ते आता है जिसे ईरान ने बंद करने की धमकी दी है। दूसरा रूट लेने पर रास्ता काफी लंबा होगा और इससे व्यापार की लागत काफी बढ़ जाएगी।