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    सहकारी बैंकों को SBI, HDFC Bank जैसी सुविधा चाहिए तो उन्हें... RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कह दी ये बड़ी बात!

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 12:01 AM (IST)

    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि अगर सहकारी बैंकों को व्यावसायिक बैंकों जैसी सुविधाएं चाहिए तो उन्हें अपने नान परफार्मिंग एसेट्स (एनपीए) को कम करना होगा और व्यावसायिक बैंकों के स्तर को हासिल करना होगा। उन्होंने यह बात शिमला में एक राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक के पास 3.75 प्रतिशत शेयर जमा करवाने होंगे।

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    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि व्यावसायिक बैंकों की तर्ज पर सुविधाएं चाहिए तो...

    नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि व्यावसायिक बैंकों की तर्ज पर सुविधाएं चाहिए तो सहकारी बैंकों को अपना नान परफार्मिंग एसेट्स (एनपीए) कम करना होगा। इसके साथ व्यावसायिक बैंकों का स्तर भी हासिल करना होगा। संजय मल्होत्रा शनिवार को शिमला के पीटरहाफ में दो दिवसीय राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन में संबोधन दे रहे थे।

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    उन्होंने कहा, व्यावसायिक के समान सहकारी बैंकों को सुविधाएं चाहिए तो उनके समान जमा राशि और शेयर रखना होगा। उन्होंने कहा, सहकारी बैंक बेहतर काम कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें रिजर्व बैंक के पास 3.75 प्रतिशत शेयर जमा करवाना होगा। इससे बैंक की ज्यादा शाखाओं को खोलने के अलावा उपभोक्ताओं को अधिक ऋण सहित अन्य सुविधाएं प्रदान कर सकेंगे।

    इससे पहले उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा, भारत में सहकारिता की शुरुआत 1892 में हिमाचल के पंजावर में सहकारिता समिति गठित करने से हुई। इसका पंजीकरण वर्ष 1906 में हुआ था। आज सहकारी समितियां देशभर में फैल चुकी हैं।

    उन्होंने कहा, सहकारिता के जनक मियां हीरा ¨सह के योगदान को देखते हुए उनके नाम पर सहकारिता से संबंधित संस्थान स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा सहकारिता विश्वविद्यालय की स्थापना का स्वागत किया।