फिर महंगी हो सकती है सीएनजी और पीएनजी, कंपनियों के लाभ पर असर पड़ने की संभावना
जल्द ही सीएनजी और पीएनजी महंगी हो सकती है। दरअसल भारत सरकार ने इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आइजीएल) महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) और अदाणी टोटल गैस लिमिटेड जैसी शहरी गैस वितरण कंपनियों को मिलने वाली कम लागत वाली एपीएम गैस की आपूर्ति में 20 प्रतिशत तक की कटौती की है। गैस आपूर्ति की नोडल एजेंसी गेल इंडिया लिमिटेड ने 16 अप्रैल से गैस आवंटन में कमी की सूचना दी है।

पीटीआई, नई दिल्ली। जल्द ही सीएनजी और पीएनजी महंगी हो सकती है। दरअसल, भारत सरकार ने इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आइजीएल), महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) और अदाणी टोटल गैस लिमिटेड जैसी शहरी गैस वितरण कंपनियों को मिलने वाली कम लागत वाली एपीएम गैस की आपूर्ति में 20 प्रतिशत तक की कटौती की है।
कंपनियों के लाभ पर असर पड़ने की संभावना
खास बात यह है कि कमी की भरपाई अधिक महंगे ईंधन से की जा रही है। इससे कंपनियों के लाभ पर असर पड़ने की संभावना है। एपीएम गैस की कीमत वर्तमान में 6.75 डालर प्रति एमएमबीटीयू है जबकि नए कुओं से निकलने वाली गैस की कीमत लगभग आठ डॉलर एमएमबीटीयू है।
सीएनजी और पीएनजी के खुदरा मूल्य में भी बढ़ोतरी हो सकती है
गैस आपूर्ति की नोडल एजेंसी गेल इंडिया लिमिटेड ने 16 अप्रैल से गैस आवंटन में कमी की सूचना दी है। आइजीएल, एमजीएल और अदाणी टोटल गैस ने शेयर बाजार को बताया कि उन्हें 125 प्रतिशत तक महंगी गैस का आवंटन किया गया है। इससे न केवल उनकी इनपुट कास्ट बढ़ेगी, बल्कि सीएनजी और पीएनजी के खुदरा मूल्य में भी बढ़ोतरी हो सकती है।
पिछले एक साल में शहरी गैस वितरण कंपनियों को एपीएम गैस की आपूर्ति में लगभग 50 प्रतिशत तक की कमी की गई है। पहले एपीएम गैस कुल जरूरत का 51 प्रतिशत पूरा करती थी, जो अब घटकर 34 प्रतिशत रह गई है। इसका सीधा असर शहरी ग्राहकों को मिलने वाली सीएनजी और पीएनजी की कीमतों पर पड़ सकता है।
एपीएम गैस का प्राथमिक उपयोग हो रहा है
2022 में जारी गैस आपूर्ति नीति के अनुसार, एपीएम गैस का प्राथमिक उपयोग रसोई गैस (पीएनजी) और वाहन ईंधन (सीएनजी) के रूप में शहरों में किया जाना था, लेकिन, अब इन प्राथमिक क्षेत्रों में भी महंगी गैस के मिश्रण की आवश्यकता पड़ रही है।
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