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    चीन के संकट से भारत में केमिकल्स के दाम में बढ़ोतरी, पिछले 15 दिनों में 40 फीसद तक बढ़ चुके हैं दाम

    हालांकि दवा निर्माताओं का कहना है कि उनके पास अमूमन 45 दिनों के कच्चे माल का स्टाक रहता है। अगर बिजली संकट उसके बाद भी जारी रहता है तो निश्चित रूप से दवा के कच्चे माल की कमी हो सकती है।

    By NiteshEdited By: Updated: Wed, 06 Oct 2021 08:25 AM (IST)
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    Chemicals prices increase in India due to China crisis

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन में बिजली संकट गहराने से भारत में कई वस्तुओं के कच्चे माल की आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका गहराने लगी है। इनमें मुख्य रूप से विभिन्न रसायन व दवा के कच्चे माल, स्टील, फर्नेस आयल, प्लास्टिक, इलेक्ट्रानिक्स व आटो पा‌र्ट्स शामिल हैं। फिलहाल चीन में उत्पादन प्रभावित होने से भारत में केमिकल्स के दाम में बढ़ोतरी होने लगी है। लेकिन निकट भविष्य में अन्य कच्चे माल की कीमतों में भी बढ़ोतरी का अंदेशा प्रबल होने लगा है।

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    फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशंस (फियो) के महानिदेशक व सीईओ अजय सहाय ने बताया कि बिजली संकट की वजह से चीन के 20 प्रांतों में मैन्यूफैक्च¨रग प्रभावित है और देश की लगभग 45 प्रतिशत मैन्यूफैक्च¨रग बंद है। अगले 10-15 दिनों के बाद कई कच्चे माल की आपूर्ति पर असर दिख सकता है। केमिकल्स उद्यमियों ने बताया कि चीन के संकट के कारण पिछले 15 दिनों में भारत में केमिकल्स के दाम पांच से 40 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं।

    हालांकि दवा निर्माताओं का कहना है कि उनके पास अमूमन 45 दिनों के कच्चे माल का स्टाक रहता है। अगर बिजली संकट उसके बाद भी जारी रहता है तो निश्चित रूप से दवा के कच्चे माल की कमी हो सकती है। दवा के कच्चे माल के लिए भारत अब भी चीन पर निर्भर है और 70 प्रतिशत कच्चा माल चीन से ही आता है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष जनवरी-अगस्त में पिछले वर्ष समान अवधि के मुकाबले चीन से आटो पा‌र्ट्स के आयात में 70.56 फीसद, इलेक्टि्रकल्स व संबंधित पा‌र्ट्स में 64.29, प्लास्टिक में 108.99, लौह अयस्क व स्टील में 37.84, फार्मा उत्पाद में 38 और केमिकल्स के आयात में 41 फीसद का इजाफा हुआ है।

    चीन में कोयला संकट से उत्पादन के साथ वहां बंदरगाहों पर आवाजाही भी प्रभावित हुई है। इससे भारत में कंटेनर समस्या और गहरा सकती है जिससे लागत बढ़ेगी। निर्यात-आयात से जुड़े व्यापारियों के मुताबिक चीन कमोबेश दुनियाभर को कच्चे माल की सप्लाई करता है। ऐसे में चीन में समस्या उत्पन्न होने से दुनिया के सभी हिस्सों में सप्लाई चेन प्रभावित होगी जिससे कई वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती है।

    यह है चीन का मौजूदा बिजली संकट

    चीन ने कार्बन उत्सर्जन नियमों के पालन में सख्ती कर दी है। इसके चलते औद्योगिक इकाइयां पहले की तरह बिजली की खपत नहीं कर पा रही हैं। इस वजह से अगस्त में चीन के बिजली उत्पादन में 2.7 फीसद की कमी आ गई। कोयले की कमी से आगे भी चीन में उत्पादन प्रभावित रह सकता है।