आरबीआई के नए मुखिया रघुराम राजन को करना होगा इन चुनौतियां से मुकाबला
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के अगले प्रमुख और सबसे यंग चेहरे के रूप में रघुराम राजन को तय किया गया है। सरकार ने पूर्व आईएमएफ मुख्य अर्थशास्त्री को इस उम्मीद से आरबीआई प्रमुख चुना है कि वह भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार को तेज करेंगे। राजन वह व्यक्ति हैं जिन्होंने प्रसिद्ध आर्थिक मंदी का अनुमान 2005 में ही
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के अगले प्रमुख और सबसे यंग चेहरे के रूप में रघुराम राजन को तय किया गया है। सरकार ने पूर्व आईएमएफ मुख्य अर्थशास्त्री को इस उम्मीद से आरबीआई प्रमुख चुना है कि वह भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार को तेज करेंगे। राजन वह व्यक्ति हैं जिन्होंने प्रसिद्ध आर्थिक मंदी का अनुमान 2005 में ही लगा दिया था यानी मंदी आने के 3 साल पहले। अब देखना यह है कि राजन आर्थिक सुस्ती में फंसी भारतीय अर्थव्यवस्था को बाहर कैसे निकालेंगे।
देखते हैं क्या होंगी राजन के लिए बड़ी चुनौतियां
- वर्तमान कैलेंडर में भारतीय मुद्रा करीब 11 फीसद तक गिर चुकी है, मुद्रास्फीति की मार पीछा नहीं छोड़ रही, पूंजी प्रवाह भी सुस्त है और वित्तीय घाटा बढ़ता जा रहा है।
- दशक के न्यूनतम स्तर यानी 5 फीसद पर है आर्थिक वृद्धि दर, जो बढ़ा रही है बेरोजगारी का खतरा।
- बैंकों और उद्योग जगत में छाई हुई है मौद्रिक नीति को लेकर निराशा।
- बढ़ते एनपीए, धीमी कर्ज गतिविधियां और संचालन प्रणाली पर रखनी होगी नजर। राजन को नये बैंकिंग लाइसेंस पर भी लेना होगा फैसला।
- चालू खाता घाटा में सुधार है लेकिन बाजार में पूंजी की कमी। विदेशी संस्थागत निवेश और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में आ रही कमी को करना होगा दूर।

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