Cooking Oil: सरकार ने लिया खाद्य तेल पर बड़ा फैसला, रिफाइंड सोया और सनफ्लावर ऑयल के आयात शुल्क में कटौती
Cooking Oil Price Import Duty देश के केंद्र सरकार ने खाद्य तेल पर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने रिफाइंड सोया ऑयल और रिफाइंड सनफ्लावर ऑयल के आयात शुल्क में कटौती करने का ऐलान किया है। आइए जानते हैं कि सरकार ने कितना शुल्क घटाया है?

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत के केंद्र सरकार ने महंगाई को काबू करने के लिए बड़ा फैसला लेना शुरू कर दिया है। महंगाई दर को निरंतर कम करने के लिए आरबीआई भी कई तरह की प्लानिंग कर रहा है। आपको बता दें कि सरकार ने रिफाइंड सोया ऑयल और रिफाइंड सनफ्लावर ऑयल पर लगने वाले इंपोर्ट ड्यूटी को घटाने का फैसला लिया है। रिफाइंड सोया ऑयल पर 17.5 फीसदी और रिफाइंड सनफ्लावर ऑयल 12.5 फीसदी की ड्यूटी घटाया गया है। ये फैसला आज से लागू हो चुका है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में भारत वेजिटेबल ऑयल का सबसे बड़ा खरीदार है। भारत में वेजिटेबल ऑयल का आयात 60 फीसदी तक होता है। भारत में हर साल लगभग 24 मीट्रिक टन खाद्य तेल की खपत होती है। जिसमें से तकरीबन 14 मीट्रिक टन तेल आयात किया जाता है।
कितनी कम हुई इंपोर्ट ड्यूटी
सरकार के फैसले के बाद कच्चे पाम ऑयल, कच्चे सनफ्लावर ऑयल और कच्चे सोया ऑयल के आयात में अब 5 फीसदी तक की ड्यूटी लगेगी। इस पर अब टोटल 5.5 फीसदी का टैक्स लगाया जाएगा। जबकि रिफाइंड खाद्य ऑयल पर 13.75 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगाई जाएगी। इस पर 10 फीसदी का सेस लगेगा। सरकार ने ये फैसला खाद्य तेल की कीमत को कंट्रोल करने के लिए लिया है।
पाम ऑयल के उत्पाद में हुई बढ़ोत्तरी
आपको बता दें कि नवंबर 2022 से अप्रैल 2023 के दौरान पाम ऑयल से बने उत्पाद में अधिक बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। पिछले साल पाम ऑयल के प्रोडक्ट 32 लाख मीट्रिक टन तक आयात हुए थे जो इस साल बढ़कर 59 लाख मीट्रिक टन हो गया है। पाम ऑयल के आयात में 61 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है, जबकि बाकी तेलों के आयात केवल 41 फीसदी तक रह गई है।
खाद्य तेल के इंपोर्ट के आंकड़े
SEA ने हाल ही में आंकड़े जारी किये हैं। इन आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में हर महीने के आधार पर खाद्य तेल में 10 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। वहीं पाम ऑयल के इंपोर्ट 31 फीसदी घट गई है। यानी कि अब केवल 5,05,000 टन ही पाम ऑयल का आयात होता है।
सोयाबीन के आयात में 1 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। बाजार में सोयाबीन के तेलों की कीमत बाकी ऑयल की तुलना में कम है, इस वजह से इसके आयात में 68 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।
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