Bank में जमा करने जा रहे हैं कैश तो जान लें नियम, इस तरह के लेन-देन पर लग सकता है तगड़ा जुर्माना
Cash and Deposit Rules of Bank भारत में कैश जमा और निकासी को लेकर नियम काफी सख्त है। अगर आप भी बैंक में अक्सर नकद की जमा और निकासी करते हैं तो इन नियमों को आपको जान लेना चाहिए।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से हाल ही 2000 रुपये के बैंकनोट वापस लेने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही लोगों को अपने पास मौजूद 2000 के नोट वापस लेने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक, कोई भी एक बार में 2000 के अधिकतम 10 नोट एक्सचेंज करा सकता है। हालांकि, 2000 रुपये के नोट डिपॉजिट करने को लेकर कोई भी सीमा तय नहीं की गई है।
ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि किस सीमा तक बैंक में नोट जमा करने पर टैक्स नहीं लगता है और अगर इस सीमा के बाहर जाकर कोई बैंक में नोट जमा करता है तो उसे कितना टैक्स देना होगा।
बैंक में नकद की जमा और निकासी सीमा
इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक, कुछ लेनदेन को विशेष वित्तीय लेनदेन माना जाता है। अगर किसी वित्त वर्ष में कोई व्यक्ति अपने सेविंग अकाउंट में 10 लाख रुपये नकद जमा करता है तो बैंक को इस तरह के लेनदेन को रिपोर्ट करना होगा। वहीं, अगर किसी वित्त वर्ष में चालू खाते में कोई व्यक्ति 50 लाख रुपये जमा करता है तो बैंक को इस तरह के लेनदेन को रिपोर्ट करना होगा।
बता दें, नकद जमा करने पर सरकार की ओर से कोई भी टैक्स नहीं लिया जाता है। हालांकि, उसका सोर्स होना चाहिए। इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 194N के मुताबिक, एक सीमा से अधिक नकद की निकासी पर टीडीएस काटा जाता है।
अगर आप पिछले तीन सालों से लगातार आईटीआर जमा कर रहे हैं तो एक वित्त वर्ष में 1 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी पर 2 प्रतिशत का टीडीएस कटेगा। वहीं, अन्य मामलों में एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक निकालने पर 2 प्रतिशत का टीडीएस और एक करोड़ से अधिक निकालने पर 5 प्रतिशत का टीडीएस कटेगा।
बैंक में जमा कैश का सोर्स नहीं बताने पर क्या होगा?
कई बार देखा जाता है कि लोग इनकम टैक्स रिटर्न भरना भूल जाते हैं या फिर किसी छूट के चलते मिले लाभ को अपने आयकर में दिखाते हैं। इस कारण से बैंक में कैश जमा करने पर आपको इनकम टैक्स अथॉरिटी नोटिस जारी कर सकती है। ये नोटिस इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 68 के तहत जारी किया जाता है और नोटिस जारी होने के बाद भी अगर आप सोर्स नहीं बता पाते हैं तो उस राशि पर 60 प्रतिशत का टैक्स, 25 प्रतिशत का सरचार्ज और 4 प्रतिशत का सेस लगेगा।
कैश लोन को लेकर क्या है नकद जमा और निकासी के नियम
इनकम टैक्स की धारा 269SS और 269 T के मुताबिक, कोई भी व्यापारी एक वित्त वर्ष में 20000 से अधिक का कैश लोन स्वीकार या पुनर्भुगतान नहीं कर सकता है। अगर वह इस सीमा उल्लंघन करता है तो धारा 271D और 271E के मुताबिक उस पर जुर्माना लगाया जाएगा।
उदाहरण के लिए एक व्यापारी जिसका व्यवसाय इनकम टैक्स की धारा 44AD के अंतर्गत आता है। उसने अपने खाते में 29 लाख रुपये जमा किए हैं और वह इसमें से 23 लाख रुपये बिजनेस की आय के रूप में दिखाए हैं। व्यापारी की ओर से 8 लाख रुपये कैश के रूप में निकाल लिए गए है और दिखाया है कि 3 लाख रुपये किसी व्यक्ति से लेनदेन में प्राप्त हुए।
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