यूपी के सेमीकंडक्टर प्लांट में बनेंगे डिस्पले ड्राइवर चिप, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती देगा यह प्लांट
Semiconductor plant approval देश में लैपटॉप मोबाइल फोन सर्वर मेडिकल डिवाइस पावर इलेक्ट्रॉनिक्स डिफेंस उपकरण और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ने के साथ सेमीकंडक्टर की मांग में भी वृद्धि हो रही है। इसलिए कैबिनेट ने देश में छठा सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित करने को मंजूरी दी है। यूपी के इस प्लांट में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए डिस्पले ड्राइवर चिप बनाए जाएंगे।

देश का छठा सेमीकंडक्टर प्लांट उत्तर प्रदेश में लगने जा रहा है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस प्लांट के लगने (semiconductor manufacturing unit) से देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती मिलेगी।
लैपटॉप, मोबाइल फोन, सर्वर, मेडिकल डिवाइस, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस उपकरण और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स की मैन्युफैक्चरिंग भारत में बढ़ रही है। इसके साथ सेमीकंडक्टर की मांग में भी वृद्धि हो रही है। उत्तर प्रदेश की नई इकाई इस मांग को पूरा करने के साथ आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी एक कदम साबित होगी।
देश में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की स्थापना के साथ इस क्षेत्र के इकोसिस्टम पार्टनर भी भारत आ रहे हैं। दुनिया की दो बड़ी इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों - अप्लाइड मैटेरियल्स और लैम रिसर्च की भारत में मौजूदगी है। मर्क, लिंडे, एयर लिक्विड, आइनॉक्स तथा अन्य कई गैस और केमिकल सप्लायर भी यहां अपनी यूनिट लगाने जा रही हैं।
प्लांट लगाने में कितना होगा निवेश
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश में जिस प्लांट को मंजूरी दी है, वह एचसीएल (HCL) और फॉक्सकॉन (Foxconn) का जॉइंट वेंचर है। एचसीएल का हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग में पुराना अनुभव है। दूसरी तरफ, फॉक्सकॉन वैश्विक स्तर पर जानी-मानी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है। इस प्लांट को लगाने में करीब 3700 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
यूपी में कहां लगेगा प्लांट
यह प्लांट यमुना एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी क्षेत्र में जेवर एयरपोर्ट के पास स्थापित किया जाएगा। (Uttar Pradesh investment) यहां मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, पीसी तथा डिस्प्ले वाली अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए डिस्पले ड्राइवर चिप बनाए जाएंगे। इस प्लांट को प्रति माह 20,000 वेफर्स के लिए डिजाइन किया जाएगा। इसकी उत्पादन क्षमता 3.6 करोड़ यूनिट प्रतिमाह की होगी।
सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस समय देश में कई जगहों पर सेमीकंडक्टर इकाइयों का निर्माण चल रहा है। इसके लिए विश्वस्तरीय डिजाइन फैसिलिटी कई राज्यों में स्थापित हुई हैं। राज्य सरकारें भी डिजाइनिंग कंपनियों को बढ़ावा दे रही हैं।
(India chip mission) अभी 270 अकादमिक संस्थान और 70 स्टार्टअप में छात्र और उद्यमी वर्ल्ड क्लास डिजाइन टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं, ताकि नए प्रोडक्ट डेवलप किए जा सकें।
कहां बन रहे हैं बाकी 5 सेमीकंडक्टर प्लांट
1. कैबिनेट ने जून 2023 में माइक्रोन टेक्नोलॉजी के प्लांट को मंजूरी दी थी। यह प्लांट गुजरात के साणंद में लगाया जा रहा है। इस प्लांट से पहला चिप इसी साल बनने की उम्मीद है।
2. टाटा इलेक्ट्रॉनिक प्राइवेट लिमिटेड (TEPL) ताइवान की पावर चिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के साथ गुजरात के धोलेरा में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन यूनिट लगा रही है। पिछले साल फरवरी में कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दी थी। इस प्लांट में करीब 91 हजार करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है।
3. टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड (TSAT) असम के मोरी गांव में सेमीकंडक्टर ATMP यूनिट लगा रही है। इस प्लांट में करीब 27000 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
4. सीजी पावर जापान की रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन और थाईलैंड की स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के साथ मिलकर गुजरात के साणंद में ATMP यूनिट लग रही है। इस पर 7600 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
5. मैसूर की कंपनी केंस सेमीकॉन गुजरात के साणंद में OSAT फैसिलिटी स्थापित करेगी। इसमें 3307 करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है। इस यूनिट की क्षमता रोजाना 63 लाख चिप की होगी।
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