'बजट घोषणा से रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में मदद', वित्त मंत्रालय ने वैश्विक व्यापार कम रहने की जताई आशंका
वित्त मंत्रालय की मासिक रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2022 में वैश्विक व्यापार में गिरावट रही और वर्ष 2023 में भी वैश्विक व्यापार कम रहने की आशंका है और इस वजह से वैश्विक उत्पादन में भी कमी आएगी।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। वित्त मंत्रालय का मानना है कि बजट में पूंजीगत खर्च में बढ़ोतरी, ग्रीन अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजार की मजबूती के लिए उठाए गए कदम से रोजगार सृजन से लेकर आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। लेकिन देश के प्रमुख निर्यात बाजार में गिरावट की संभावना को देखते हुए निर्यात में बहुत ही मामूली बढ़ोतरी रहेगी।
वैश्विक व्यापार 2023 में कम रहने की आशंका
वित्त मंत्रालय की मासिक रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2022 में वैश्विक व्यापार में गिरावट रही और वर्ष 2023 में भी वैश्विक व्यापार कम रहने की आशंका है और इस वजह से वैश्विक उत्पादन में भी कमी आएगी। वैसे भी पिछले तीन महीनों से वस्तुओं के निर्यात में लगातार गिरावट हो रही है। हालांकि, चालू वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल-जनवरी में वस्तुओं के निर्यात में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले अब भी आठ फीसद की बढ़ोतरी चल रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, निर्यात के अलावा अर्थव्यवस्था से जुड़ी सभी आर्थिक गतिविधियों में तेजी जारी है और आगामी वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में जो घोषणाएं की गई है, उससे अर्थव्यवस्था के विकास की गति जारी रहेगी और रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी।
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महंगाई से अभी छुटकारा मिलने की संभावना नहीं
रिपोर्ट के मुताबिक, महंगाई के उच्च स्तर के बावजूद गत दिसंबर और इस साल जनवरी में आर्थिक गतिविधियों के प्रदर्शन से जाहिर है कि अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष 2022-23 में सात फीसद की विकास दर हासिल करने की ओर अग्रसर है। वैश्विक महंगाई को देखते हुए महंगाई से अभी पूरी तरह से छुटकारा मिलने की भी संभावना नहीं है। वैश्विक स्तर पर महंगाई कम हो रही है, लेकिन यह अब भी कोरोना पूर्व काल से अधिक है।
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