Budget 2023 की बजट की वो बातें जो नहीं जानते होंगे आप, किन योजनाओं पर कितना खर्च करेगी सरकार
Budget 2023 बजट में सरकार की ओर से कई घोषणाएं की गई हैं। आज हम अपनी इस रिपोर्ट में बजट से जुड़े उन तथ्यों के बारे में जानेंगे जो कि कम सुर्खियों में रहें। आइए जानते हैं... (जागरण ग्राफिक्स)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश कर चुकी हैं। इस बजट में सरकार की ओर से व्यक्तिगत कर कटौती के साथ देश के महत्वपूर्ण सेक्टर को लेकर कई बड़े ऐलान किए गए हैं, जिसमें कृषि और रक्षा से जुड़ी बड़ी घोषणाएं शामिल हैं। आने वाले वित्त वर्ष में सरकार की ओर से किए जाने वाले खर्च की सारी जानकारी एक्सपेंडिचर बजट से मिलती है और इस रिपोर्ट में बजट की उन बातों के बारे में जानेंगे, जोकि सुर्खियों में कम रहीं।
हर मंत्रालय को दिए जाने वाले खर्च के दो हिस्से होते हैं, पहला हिस्सा - रेवेन्यू एक्सपेंडिचर और दूसरा हिस्सा - कैपिटल एक्सपेंडिचर।
रेवेन्यू एक्सपेंडिचर से किसी भी मंत्रालय के दैनिक खर्च को पूरा किया जाता है। आसान भाषा में कहा जाए, तो इसमें दैनिक खर्च का पूरा हिसाब किताब होता है।
कैपिटल एक्सपेंडिचर में किसी मंत्रालय की ओर से किए जाने वाले निवेश का पूरा ब्यौरा होता है। आसान भाषा में कहा जाए, तो मंत्रालय किन योजनाओं में निवेश करने वाला है। इसकी पूरी जानकारी मिलती है।
कुल बजट - 45 लाख करोड़ रुपये
आम बजट 2023 का कुल आकार 45 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का है। इस बजट को कुल 102 मंत्रालयों के बीच विभाजित किया गया है। इसमें से सबसे बड़ी हिस्सेदारी वित्त मंत्रालय की है, जोकि 37.52 प्रतिशत है। वित्त मंत्रालय के बजट में कैपिटल बजट का भी हिस्सा होता है, जिसे सरकार निवेश के लिए कर्च करती है।
इसके बाद रक्षा मंत्रालय (13.18 प्रतिशत), सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (6 प्रतिशत), रेलवे (5.3 प्रतिशत), रसायन एवं उर्वरक (3.96 प्रतिशत), गृह मंत्रालय (4.35 प्रतिशत), ग्रामीण विकास (3.55 प्रतिशत), शिक्षा मंत्रालय (2.5 प्रतिशत) और जलशक्ति मंत्रालय (2.16 प्रतिशत) की बजट में हिस्सेदारी है। आपको जानकर हैरानी होगी कि केवल 14 मंत्रालय ही ऐसे हैं जिनका बजट में हिस्सा एक प्रतिशत से ऊपर है।
रक्षा मंत्रालय के बजट का 26 प्रतिशत हिस्सा वेतन खर्च होगा
2021-22 में रक्षा मंत्रालय ने सेना तीनों शाखाओं में सैन्य कर्मियों के वेतन पर 1,36,431.66 करोड़ रुपये कर्च किए थे, इसे 2023-24 के लिए खर्च 13.21 प्रतिशत बढ़ाकर 1,54,458.99 करोड़ रुपये कर दिया गया है। सेना तीनों शाखाओं ने 2021-22 में सिविलियन्स को वेतन के रूप में 10,548.85 करोड़ रुपये दिए थे, जिसके इस बार 13,470.58 करोड़ रुपये मांगे गए हैं। इस तरह रक्षा मंत्रालय के खर्च का 26 प्रतिशत वेतन पर खर्च होगा।
इन योजना का घटाया बजट
2023-24 में सरकार ने जनरल एजुकेशन का बजट 15 प्रतिशत घटा दिया गया है। पिछले साल सरकार ने इसके लिए 17,735.95 करोड़ का बजट रखा था, जिसे वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 15.35 प्रतिशत कम करके 15,012.58 करोड़ कर दिया गया है।
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में सरकार ने अन्य योजानाओं जैसे नेशनल इनिशिएटिव फॉर डिजाइन इनोवेशन के बजट के 17.80 करोड़ से घटाकर 10 करोड़, स्टार्ट अप इंडिया इनिशिएटिव इन हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन्य के बजट को 60 करोड़ को घटाकर 11.21 करोड़, इम्प्लिमेंटेशन ऑफ द इम्प्रिंट रिसर्च इनिशिएटिव के बजट को 10 करोड़ से घटाकर 5 करोड़ कर दिया गया है।
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