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Budget 2023: तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी, भारतीय भाषाओं को मिलेगा बढ़ावा

Budget 2023 इस बार के यूनियन बजट में मौजूदा सरकार ने क्षेत्रीय भाषाओं को देने के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। इसका उद्देश्य भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना है। संस्थानों में तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू करने की बात की गई है। (फोटो- जागरण)

By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaPublished: Sun, 05 Feb 2023 03:35 PM (IST)Updated: Sun, 05 Feb 2023 03:45 PM (IST)
Budget 2023: तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी, भारतीय भाषाओं को मिलेगा बढ़ावा
Budget 2023 National institutions got huge funds, pic courtesy- jagran file

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। 1 फरवरी को संसद में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए यूनियन बजट पेश किया गया है। बजट प्रस्ताव में सरकार ने कई बड़े ऐलान किए हैं। इस बार के बजट में मौजूदा सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं।

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इनमें क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू करने जैसे ऐलान हुए हैं।

इस साल के बजट में शैक्षणिक संस्थानों को कुल 300.7 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है। जबकि यह फंड वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 250 करोड़ रुपये है।

इससे पहले सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों को वित्त वर्ष 2021-22 में 176.5 करोड़ रुपये का बजट लोकेट किया था, यानी इस बार सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 की अपेक्षा करीब 70 फीसदी ज्यादा फंड जारी किया है।

किन शिक्षण संस्थानों को जारी हुआ है फंड

दरअसल वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी, केंद्रीय हिंदी संस्थान, उर्दू भाषा के प्रचार के लिए राष्ट्रीय परिषद, सिंधी भाषा के प्रचार के लिए राष्ट्रीय परिषद, शास्त्रीय तमिल के केंद्रीय संस्थान को फंड जारी किया गया है।

इस कड़ी में मैसूर स्थित केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान को पहले से अधिक फंड जारी किया गया है। यह संस्थान लगभग सभी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है। यह संस्थान तेलुगू, मलयालम और उड़िया जैसी भाषाओं को भी बढ़ावा देता है। वित्त वर्ष 2022-23 में संस्थान को 42.50 करोड़ रुपये जारी किए गए थे, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में इस संस्थान को 53.61 करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया है।

National Education Policy 2020 को ध्यान में रखा गया है

वहीं दूसरी ओर यूजीसी के चेयरपर्सन एम जगदीश कुमार ने कहा है कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 को ध्यान में रखकर बजट में फंड जारी किया गया है। इस पॉलिसी के तहत भारतीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान करने और युवाओं में इंडियन नॉलेज सिस्टम को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाता है।

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