Move to Jagran APP

BSNL-MTNL का विलय टला, मंत्रियों के समूह ने वित्तीय कारणों से लिया फैसला, जानें पूरा मामला

केंद्रीय कैबिनेट ने घाटे में चल रही दूरसंचार कंपनियों और BSNL और MTNL के रिवाइवल के लिए 69000 करोड़ रुपये के पैकेज को अपनी मंजूरी दी थी। इस रिवाइवल पैकेज में दोनों कंपनियों का विलय प्रस्ताव भी शामिल था।

By Ankit KumarEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 10:44 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 10:44 AM (IST)
BSNL-MTNL का विलय टला, मंत्रियों के समूह ने वित्तीय कारणों से लिया फैसला, जानें पूरा मामला
मंत्रियों के समूह ने पीएसयू टेलीकॉम कंपनियों के विलय को टाल दिया है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय मंत्रियों के एक समूह ने पब्लिक सेक्टर की दूरसंचार कंपनियों BSNL और MTNL का विलय फिलहाल टाल दिया है। सूत्रों के मुताबिक ऐसा समझा जाता है कि वित्तीय कारणों से इस प्रस्तावित विलय को टालने का निर्णय किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई वाले एक मंत्री समूह ने इस बाबत फैसला किया है। मंत्रियों के समूह ने बीएसएनएल के नोएडा स्थित 6,000 वर्ग मीटर के भूखंड को सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) को बेचने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी। इस भूखंड की बिक्री एक लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से होगी।  

loksabha election banner

केंद्रीय कैबिनेट ने घाटे में चल रही दूरसंचार कंपनियों और BSNL और MTNL के रिवाइवल के लिए 69,000 करोड़ रुपये के पैकेज को अपनी मंजूरी दी थी। इस रिवाइवल पैकेज में दोनों कंपनियों का विलय प्रस्ताव भी शामिल था।

एक ऑफिशियल सूत्र के मुताबिक ''मंत्रियों के समूह ने MTNL और BSNL के विलय को टाल दिया है। मुख्य रूप से MTNL पर बहुत अधिक कर्ज होने की वजह से इस बाबत निर्णय किया गया है।''

31 मार्च, 2020 को समाप्त वित्त वर्ष के ऑडिटेड वित्तीय परिणामों के मुताबिक BSNL पर 87,618 करोड़ रुपये और MTNL पर 30,242 करोड़ रुपये की कुल वित्तीय देनदारी थी। 

दूरसंचार विभाग ने बीएसएनएल को मुंबई और दिल्ली टेलीकॉम सर्किल में ऑपरेट करने का लाइसेंस दिया है, जहां MTNL से ऑपरेट कर रही है।

सूत्रों के मुताबिक कर्ज के अलावा बीएसएनएल और एमटीएनएल कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में अंतर और उन्हें एक-दूसरे के बराबरी में लाना एक अलग तरह की चुनौती है। 

मंत्रियों के समूह ने जहां टेलीकॉम पीएसयू के विलय को टाल दिया। दूसरी ओर एमटीएनएल की बजाय बीएसएनएल को दिल्ली और मुंबई में 4जी स्पेक्ट्रम के आवंट को अपनी संस्तुति दे दी। 

मंत्रियों का यह समूह BSNL और MTNL के 10 करोड़ रुपये से ज्यादा और 100 करोड़ रुपये से कम की परिसंपत्तियों की बिक्री को लेकर फैसला करेगा। वहीं, 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की परिसंपत्तियों की बिक्री के लिए दीपम मैकेनिज्म का सहारा लिया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.