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    BSE ने लागू की नई निगरानी व्यवस्था, छोटी शेयरों में अस्थिरता रोकने में मिलेगी मदद

    By Ankit KumarEdited By:
    Updated: Thu, 12 Aug 2021 07:17 AM (IST)

    BSE Surveillance Measures स्मॉल व मिडकैप शेयरों में अचानक आई तेज अस्थिरता की स्थिति को टालने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी ने नई निगरानी व्यवस्था लॉन्च की है। बीएसई ने इस बाबत एक सर्कुलर जारी किया है।

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    BSE को पूर्व में बंबई स्टॉक एक्सचेंज के नाम से जाना जाता था।

    नई दिल्ली, पीटीआइ। स्मॉल व मिडकैप शेयरों में अचानक आई तेज अस्थिरता की स्थिति को टालने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी ने नई निगरानी व्यवस्था लॉन्च की है। बीएसई के एक सर्कुलर के अनुसार यह नई व्यवस्था उन कंपनियों के लिए फायदेमंद होगी, जिनका बाजार पूंजीकरण 1,000 करोड़ रुपये से कम है। इनमें एक्स, एक्सटी, जेड, जेडपी, जेडवाई तथा वाई ग्रुप की सिक्युरिटीज शामिल होंगी।

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    बीएसई ने कहा कि नए फ्रेमवर्क के अनुसार चयनित सिक्युरिटीज में साप्ताहिक, मासिक व तिमाही प्राइस बैंड की जगह छमाही, वार्षिक, दो वर्षो और तीन वर्षो वाले प्राइस बैंड होंगे। ये सभी प्राइस बैंड इन सिक्युरिटीज के लिए लागू दैनिक प्राइस बैंड के अतिरिक्त होंगे। इसी सप्ताह सोमवार को बीएसई ने एक सर्कुलर में कहा था कि छोटी व मझोली कंपनियों में से चुनिंदा को साप्ताहिक, मासिक और त्रैमासिक प्राइस बैंड भी लागू किया जाएगा।

    जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि नई निगरानी व्यवस्था लागू करने का बीएसई का फैसला उचित समय पर किया गया है। इससे छोटी कंपनियों में शेयर भाव की अस्थिरता पर लगाम लगेगी।

    सरकार ने माना, आटो सेक्टर पर उच्च जीएसटी दरों का दबाव

    वाहन सेक्टर पर उच्च जीएसटी दरों का बोझ जल्द घट सकता है। वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव तरुण बजाज ने माना है कि आटो सेक्टर पर जीएसटी की दरें अभी ऊंची हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जीएसटी की दरों को और अधिक तर्कसंगत बनाए जाने की प्रक्रिया में है। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में कार और दोपहिया वाहनों पर जीएसटी की 28 फीसद दर को घटाने पर विचार किया जा सकता है। वहीं, सरकार तैयार माल और उनसे जुडे़ कच्चे माल की जीएसटी दरों की विसंगतियां भी दूर करेगी।

    अभी कई उत्पाद ऐसे हैं जिनके कच्चे माल पर तैयार माल की तुलना में अधिक जीएसटी है।हाल ही में देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी ने कारों पर जीएसटी दर घटाने और सेस खत्म करने की गुजारिश की थी। देश की सबसे बड़ी दोपहिया कंपनी हीरो मोटोकार्प दोपहिया वाहनों पर जीएसटी की मौजूदा 28 फीसद की दर को 18 फीसद पर लाने की मांग पहले ही कर चुकी है। अगले कुछ सप्ताह में जीएसटी काउंसिल की बैठक हो सकती है। बुधवार को उद्यमियों के साथ वर्चुअल माध्यम से हुई बैठक में बजाज ने कहा कि आटोमोटिव सेक्टर पर अधिक टैक्स का नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और सरकार को उस पर विचार करने की जरूरत है। बजाज ने कहा, 'आटोमोटिव सेक्टर पर टैक्स दरों को लेकर मैं बिल्कुल आपसे सहमत हूं।'