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    Crude Oil Price: ब्रेंट क्रूड ने तोड़ा रिकॉर्ड, 110 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंचा

    यूक्रेन पर हमला करने के कारण रूसी बैंकों पर लगे भारी प्रतिबंधों के बाद तेल की आपूर्ति में व्यवधान की आशंका के कारण तेल की कीमतें बुधवार को सात साल के उच्च स्तर पर पहुंच गईं। बता दें कि रूसी तेल निर्यात वैश्विक आपूर्ति का लगभग 8% है।

    By Lakshya KumarEdited By: Updated: Wed, 02 Mar 2022 12:11 PM (IST)
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    Crude Oil Price: ब्रेंट क्रूड ने तोड़ा रिकॉर्ड, 110 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंचा

    मेलबर्न/बीजिंग, रॉयटर्स। तेल की कीमतें बुधवार को सात साल के उच्च स्तर पर पहुंच गईं क्योंकि यूक्रेन पर हमला करने के कारण रूसी बैंकों पर लगे भारी प्रतिबंधों के बाद आपूर्ति में व्यवधान की आशंका बढ़ी है। वहीं, व्यापारी पहले से ही तंग बाजार में वैकल्पिक तेल स्रोतों की तलाश में जुट गए। ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 5.30 डॉलर या 5% बढ़कर 110.23 डॉलर प्रति बैरल (0419 जीएमटी) पर पहुंच गया। इसकी इतनी ज्यादा कीमत आखिरी बार जुलाई 2014 में देखी गई थी।

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    यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड फ्यूचर्स 5.02 डॉलर या 4.8% बढ़कर 108.41 डॉलर हो गया, जो पहले सितंबर 2013 के बाद के उच्चतम स्तर है। वेस्टपैक के अर्थशास्त्री जस्टिन स्मिरक ने कहा, "व्यापार में व्यवधान लोगों का ध्यान आकर्षित करने लगा है।" उन्होंने कहा, "व्यापार वित्त और बीमा के मुद्दे- यह सब काला सागर से निर्यात को प्रभावित कर रहे हैं। आपूर्ति में परेशानी सामने आ रही है।" बता दें कि रूसी तेल निर्यात वैश्विक आपूर्ति का लगभग 8% है।

    एक्सॉन मोबिल (XOM.N) ने मंगलवार को कहा कि वह यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण के परिणामस्वरूप रूस के तेल और गैस संचालन से बाहर निकल जाएगा। वहीं, वेस्टर्न पावर्स ने सीधे ऊर्जा निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाए हैं। न्यूयॉर्क और यू.एस. खाड़ी में अमेरिकी व्यापारी रूसी कच्चे तेल से दूर हैं। न्यूयॉर्क हार्बर के एक व्यापारी ने रॉयटर्स को बताया कि लोग रूसी तेल को नहीं छू रहे हैं। कुछ खरीदारी देखी जा सकती है लेकिन वह आक्रमण (यूक्रेन पर रूस के) से पहले खरीदे गए थे। उसके बाद बहुत कुछ नहीं बदला है।

    वहीं, भारत के भारत पेट्रोलियम कॉर्प (BPCL.NS) अप्रैल के लिए मध्य पूर्वी उत्पादकों से अतिरिक्त तेल की मांग कर रहा है, इस डर से कि रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों से यूराल्स क्रूड की डिलीवरी प्रभावित हो सकती है। वहीं, इसी दौरान शीर्ष तेल निर्यातक सऊदी अरब अप्रैल में एशिया के लिए कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से वृद्धि कर सकता है।