वैश्विक बाजार में घरेलू ज्वार, बाजरा और रागी के उत्पादों की होगी ब्रांडिंग; कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित कोर कमेटी चलाएगी अभियान
वैश्विक स्तर पर कुपोषण की चुनौती से निपटने के लिए पोषक तत्वो वाले मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहन देना उत्पादन व उत्पादकता पर विशेष जोर देने के साथ खा ...और पढ़ें
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। बाजरा, ज्वार औ रागी समेत अन्य पोषक तत्वों वाले घरेलू अनाज से तैयार उत्पादों को स्वादिष्ट व लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार देश व विदेश में व्यापक अभियान चलाएगी। इसके लिए घरेलू खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र को उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना में शामिल कर लिया गया है, ताकि अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता वाले उत्पादों को तैयार किया जा सके। वर्ष 2023 के अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष में भारत वैश्विक मंच पर मोटे अनाज से तैयार उत्पादों की धाक जमाने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक कोर कमेटी का गठन किया गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऐसे खाद्य उत्पादों की भारतीय ब्रांडिंग करना प्रमुख उद्देश्य है, जिससे कुपोषण की चुनौती से निपटने में मदद मिलेगी।
वैश्विक स्तर पर कुपोषण की चुनौती से निपटने के लिए पोषक तत्वो वाले मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहन देना, उत्पादन व उत्पादकता पर विशेष जोर देने के साथ खाद्य प्रोसेसिंग उद्योग क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तैयार स्वादिष्ट व पोषक तत्वों से भरपूर उत्पादों को लोकप्रिय बनाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र को मोटे अनाजों से गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार करने के लिए पीएलआई स्कीम में शामिल कर लिया गया है। इस पर कुल 900 करोड़ रुपए व्यय करने का प्रावधान है। यह योजना वर्ष 2026-27 तक के लिए घोषित की गई है।
पोषक अनाज वाली इस पूरी योजना पर कृषि मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में विस्तार से चर्चा की गई। बताया गया कि 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाने का आग्रह भारत के आग्रह पर स्वीकार किया गया है। इसलिए भारत इसे घरेलू स्तर पर ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर इसका प्रचार व प्रसार करेगा, जिसके लिए सात सूत्र तैयार किए गए हैं। इनमें पोषक तत्व वाले अनाज की खेती को प्रोत्साहन और उत्पादन व उत्पादकता में वृद्धि कृषि मंत्रालय करेगा, जबकि पोषण व स्वास्थ्य लाभ का दायित्व स्वास्थ्य मंत्रालय और उससे संबद्ध विभाग संभालेंगे।
मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण, पकाने की विधि की जिम्मेदारी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और पर्यटन मंत्रालय के कंधों पर है। इस क्षेत्र में उद्यमिता, स्टार्टअप व सामूहिक विकास का कार्य कामर्स मंत्रालय संभाल रहा है। ब्रांडिंग, लेबलिंग, प्रचार, प्रसार और लोगों में जागरुकता पैदा करने का काम सभी मंत्रालयों को करना होगा।
संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में प्रस्तुत एक रिपोर्ट के मुताबिक बाजरा प्रोटीन, फाइबर, खनिज, आयरन, कैल्सियम का एक प्रमुख स्त्रोत है। अन्य अनाज मुकाबले बाजरे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। भारत एशिया के कुल उत्पादन का 80 फीसद बाजरा पैदा करता है। जबकि वैश्विक उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 20 फीसद है। उत्पादकता के स्तर पर भी भारत का प्रदर्शन (1239 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर) शानदार है। जबकि वैश्विक औसत उत्पादकता 1229 किलोग्राम है। बाजरे की प्रोसेसिंग में 500 से अधिक स्टार्टअप बाजार मूल्य श्रृंखला में उतर चुके हैं।

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