बिहार की शेयर मार्केट में धूम! 5 साल में खुले 45 लाख नए डीमैट अकाउंट; दिल्ली, पंजाब, हरियाणा पीछे छूटे
Bihar share market growth बिहार देश के टॉप-10 इक्विटी निवेशकों वाले राज्यों में शामिल हो चुका है। आंकड़ों की मानें तो पांच साल पहले (FY2020) बिहार में 7 लाख डीमैट अकाउंट (Demat Account) थे जो अब बढ़कर 52 लाख हो गए हैं। इनमें 650% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। जबकि दिल्ली पंजाब और हरियाणा में एक्टिव डीमैट अकाउंट 3 से 5 लाख के बीच है।

नई दिल्ली| Bihar share market growth : देश का सबसे गरीब राज्य है बिहार। लेकिन उसने निवेश करने के मामले में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा को पीछे छोड़ दिया है। साथ ही, निवेश की नई राजधानी बनने की ओर बढ़ रहा है। ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि बिहार देश के टॉप-10 इक्विटी निवेशकों (Equity Investors) वाले राज्यों में शामिल हो चुका है। ये सिर्फ आंकड़े नहीं, ये उस नए सोच और साहस की तस्वीर हैं जो बिहार के युवाओं ने हाल के वर्षों में दिखाई है। बिहार में अब सिर्फ खेत या पलायन की बात नहीं, बल्कि शेयर की भी बात हो रही है।
आंकड़ों की मानें तो पांच साल पहले (FY2020) बिहार में 7 लाख डीमैट अकाउंट (Demat Account) थे, जो अब बढ़कर 52 लाख हो गए हैं। इनमें 650% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। जबकि दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में एक्टिव डीमैट अकाउंट 3 से 5 लाख के बीच है। यह आंकड़ा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के अनुसार है।
बिहार के बाद यूपी में बढ़े निवेशक
मई 2025 तक देश के टॉप-10 राज्यों डीमैट अकाउंट में 650% से ज्यादा की बढ़ेतरी हुई है। जिन राज्यों में सबसे ज्यादा इक्विटी कल्चर बढ़ा, उनमें बिहार टॉप पर है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बड़ी संख्या में इक्विटी अकाउंट होल्डर बढ़े हैं।
यह भी पढ़ें- Who is Priya Nair: जहां थीं ट्रेनी वहां लिए 13 प्रमोशन, बनीं CEO, कौन हैं 92 साल पुरानी कंपनी की पहली महिला 'बॉस'?
टॉप 10 राज्यों का हाल
राज्य | निवेशक (2020) | निवेशक (2025) | कितने प्रशित बढ़े |
महाराष्ट्र | 60 लाख | 1.86 करोड़ | 212.4% |
उत्तर प्रदेश | 23 लाख | 1.31 करोड़ | 470.5% |
गुजरात | 38 लाख | 1.01 करोड़ | 164.7% |
पश्चिम बंगाल | 20 लाख | 68 लाख | 239.7% |
राजस्थान | 13 लाख | 66 लाख | 394.4% |
तमिलनाडु | 22 लाख | 64 लाख | 193.2% |
कर्नाटक | 19 लाख | 64 लाख | 226.6% |
मध्य प्रदेश | 10 लाख | 56 लाख | 464.6% |
आंध्र प्रदेश | 16 लाख | 52 लाख | 231.4% |
बिहार | 70 हजार | 52 लाख | 678.8% |
क्या है वजह?
बिहार के युवाओं की शेयर मार्केट के प्रति समझ और दिलचस्पी बढ़ी है। साथ ही, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से निवेश करना आसान हुआ है। कोरोनाकाल के दौरान कई लोगों ने शेयर मार्केट में इन्वेस्ट किया। इसके अलावा बिहार सरकार की ओर से दी जा रही वित्तीय साक्षरता ट्रेनिंग ने भी मदद की है। यही वजह है कि अब वह आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश से कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है।
आगे क्या?
विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार का यह सफर यहीं नहीं रुकने वाला। अगर शिक्षा के साथ-साथ जागरूकता बढ़ती रही, तो यह राज्य जल्द ही निवेश के मामले में और आगे निकल सकता है। यह बदलाव ना सिर्फ अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि युवाओं के लिए नई संभावनाएं भी लाएगा। शेयर से जुड़े अपने सवाल आप हमें business@jagrannewmedia.com पर भेज सकते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।