₹8500 करोड़ का आईपीओ, Groww के पब्लिक इश्यू पर आया बड़ा अपडेट, ये रही पूरी डिटेल
Groww IPO News स्टॉक ब्रोकिंग फर्म ग्रो पब्लिक इश्यू लेकर आने वाली है. इसके लिए कंपनी ने कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग रूट के जरिए पब्लिक इश्यू के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर जमा किए हैं. बताया जा रहा है कि इस पब्लिक इश्यू के जरिए 8500 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है.

नई दिल्ली. अगर आप आईपीओ में निवेश करते हैं और किसी बड़ी कंपनी के पब्लिक इश्यू का इंतजार कर रहे हैं तो आपका यह इंतजार खत्म होने वाला है. दरअसल, स्टॉक ब्रोकिंग फर्म ग्रो (Groww IPO News) की पैरेंट कंपनी बिलियनब्रेन्स गैराज वेंचर्स ने कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग रूट के जरिए पब्लिक इश्यू के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर जमा किए हैं.
इस पब्लिक इश्यू के जरिए कंपनी 700 मिलियन से 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (8500 करोड़ रुपये) का फंड जुटाना चाहती है. न्यूज एजेंसी पीटीआई को यह जानकारी इंडस्ट्री के सूत्रों ने दी है. उन्होंने बताया कि आईपीओ इक्विटी शेयरों के नए इश्यू और ऑफर फॉर सेल (OFS) घटक का कॉम्बिनेशन है. बिलियनब्रेन्स गैराज वेंचर्स ने एक बयान जारी करते हुए कहा, "कंपनी ने सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों के पास प्री-फाइल ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया है.
इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने पीटीआई को बताया कि कंपनी, जिसे पीक XV, टाइगर कैपिटल और माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला जैसे प्रमुख इन्वेस्टर्स से फंड मिला है, अब वह आईपीओ से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल कंपनी के टेक्निकल डेवलपमेंट और बिजनेस का विस्तार करने के लिए करेगी. इस इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म का वैल्युएशन लगभग 7 बिलियन अमरीकी डॉलर तक आंका गया है.
आईपीओ के लिए Groww ने क्यों चुना कॉन्फिडेंशियल रूट?
Groww ने आईपीओ के लिए कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग रूट का विकल्प चुना है. यह रूट उन भारतीय फर्मों के बीच लोकप्रिय हो रहा है जो अपनी आईपीओ प्लानिंग में लचीलापन चाहती हैं. दरअसल, इस रूट से कंपनियां सेबी के पास जरूरी दस्तावेज फाइल कर सकती हैं, शुरुआत में इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं होती.
इस प्रोसेस में कंपनी अपना DRHP दाखिल करती है लेकिन प्रॉस्पेक्टस सार्वजनिक नहीं किया जाता है.
मार्केट रेगुलेटर DRHP को तभी सार्वजनिक करता है जब कोई कंपनी पूरी तरह से आश्वस्त हो जाती है कि वह अपने आईपीओ प्लान के साथ आगे बढ़ना चाहती है. इस पब्लिक इश्यू को मैनेज करने के लिए कंपनी ने जेपी मॉर्गन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स प्राइवेट लिमिटेड, एक्सिस कैपिटल लिमिटेड और मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज लिमिटेड को नियुक्त किया है.
कैसा है कंपनी का कारोबार और आर्थिक सेहत
2016 में शुरू हुई ब्रोकिंग कंपनी Groww, वित्त वर्ष 25 में भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाला रिटेल ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म बन गया है. मार्च 2025 तक बाजार इसकी 26 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी है. वित्त वर्ष 25 के दौरान प्लेटफॉर्म ने 34 लाख नए अकाउंट जोड़े, कंपनी एक्टिव कस्टमर बेस मार्च 2024 में 95 लाख से बढ़कर मार्च 2025 में 1.29 करोड़ हो गया यानी सालाना आधार पर इसमें 36 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के आंकड़ों के अनुसार, इसी अवधि में बाजार इसकी हिस्सेदारी भी 23.28 प्रतिशत से बढ़कर 26.26 प्रतिशत हो गई.
कंपनी की ग्रोथ का क्रेडिट काफी हद तक ग्रो के मोबाइल-फर्स्ट, यूजर्स-फ्रेंडली एक्सपीरियंस और इन्वेस्टर एजुकेशन के मजबूत बेस को जाता है,जिसने देश भर में शेयर बाजार में निवेश करने खुदरा निवेशकों को प्रभावित किया है. यह प्लेटफॉर्म भारत में रिटेल इन्वेस्टमेंट को डिजिटल बनाने में अग्रणी बन गया है.
ग्रो ने FY 23 में 449 करोड़ रुपये का प्रॉफिट और 1,277 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया. फाइनेंशियल ईयर 24 में 535 करोड़ रुपये के ऑपरेशनल प्रॉफिट और 3,145 करोड़ रुपये के रेवेन्यू के साथ कंपनी की ग्रोथ जारी है. हालांकि, कंपनी ने वित्त वर्ष 24 में 805 करोड़ रुपये का नेट लॉस दर्ज किया.
इस महीने की शुरुआत में सिंगापुर के सॉवरेन वेल्थ फंड जीआईसी ने बिलियनब्रेन्स गैराज वेंचर्स में 2.14 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए सीसीआई से मंजूरी मांगी थी.
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