भारतीय फिनटेक में बड़े बूम की उम्मीद, 2030 तक 200 अरब डॉलर का होगा कारोबार
अभी वैश्विक स्तर पर फिनटेक उद्योग का कारोबार 245 अरब डॉलर का है जो दुनिया भर के वित्तीय सेवा राजस्व का मात्र दो प्रतिशत है। लेकिन जी-20 समूह ने डिजिटल तरीके से वित्तीय समावेश का जो फैसला लिया है उससे वर्ष 2030 तक वैश्विक स्तर पर फिनटेक उद्योग का सालाना कारोबार 1.5 लाख करोड़ डॉलर का होने का अनुमान है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जी-20 समूह के शिखर सम्मेलन में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के इस्तेमाल से वैश्विक वित्तीय समावेश को लेकर सहमति बनी। इस फैसले से भारतीय फिनटेक उद्योग को बड़ा प्रोत्साहन मिलने जा रहा है। आरबीआइ के मुताबिक वर्ष 2030 तक भारतीय फिनटेक उद्योग का कारोबार 200 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है और वैश्विक फिनटेक कारोबार में भारत की हिस्सेदारी 13 प्रतिशत तक हो जाएगी।
वैश्विक स्तर पर फिनटेक उद्योग का कारोबार
अभी वैश्विक स्तर पर फिनटेक उद्योग का कारोबार 245 अरब डॉलर का है जो दुनिया भर के वित्तीय सेवा राजस्व का मात्र दो प्रतिशत है। लेकिन जी-20 समूह ने डिजिटल तरीके से वित्तीय समावेश का जो फैसला लिया है उससे वर्ष 2030 तक वैश्विक स्तर पर फिनटेक उद्योग का सालाना कारोबार 1.5 लाख करोड़ डॉलर का होने का अनुमान है।
क्या कहते है सरकारी आंकड़े?
भारत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए वित्तीय समावेश करने का एक रोल माडल के रूप में उभरा है और उम्मीद की जा रही है कि कई देश अपने वित्तीय समावेश के लिए भारत के डिजिटल मॉडल को अपना सकते हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021 में भारत का फिनटेक कारोबार 50 अरब डॉलर का था जो वर्ष 2025 तक 150 अरब डॉलर और वर्ष 2030 तक 200 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
अभी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त 3000 से अधिक फिनटेक स्टार्टअप्स भारत में काम कर रही है।जानकारों के मुताबिक सरकार ने जन-धन योजना, आधार व मोबाइल की मदद से वित्तीय समावेश में जो सफलता हासिल की है, उसे दुनिया भी अपनाना चाहती है। अब भी दुनिया के 24 प्रतिशत से अधिक लोगों के पास कोई बैंक खाता नहीं है।
जन-धन योजना
वर्ष 2011 में भारत में सिर्फ 35 प्रतिशत लोगों के पास बैंक खाते थे। जन-धन योजना अपनाने से 2021 में 78 प्रतिशत के पास बैंक खाते थे। वैसे ही, डिजिटल लेनदेन के लिए अपनाई गई यूपीआई (यूनिफायड पेमेंट इंटरफेस) व्यवस्था से भारत डिजिटल भुगतान में सभी देशों को पीछे छोड़ दिया है। इस साल अगस्त माह में 1.5 लाख करोड़ रुपए मूल्य के लिए 10 लाख डिजिटल ट्रांजेक्शन किए गए। तभी कई देश डिजिटल इंफ्रा के लिए भारत से समझौता कर रहे हैं और इसका फायदा भारतीय फिनटेक को मिलने जा रहा है।
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