Flat in Delhi/ NCR: घर खरीदारों के लिए खुशखबरी, फ्लैट्स की कीमतें बढ़ने की संभावनाएं हैं कम
सालाना आधार पर इसमें करीब पांच फीसद की कमी आई है। वहीं इससे दो साल पहले की तुलना में यह 12 फीसद कम है। ...और पढ़ें

नई दिल्ली, पीटीआइ। घर खरीदने की ख्वाहिश रखने वालों के लिए खुशखबरी है। एनारॉक की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली एनसीआर में फ्लैट्स की इन्वेंटरी काफी अधिक है और यह इन्वेंटरी ख़त्म होने में 44 महीने तक का समय लग सकता है। साफ तौर पर इस दौरान घरों की कीमतों में इजाफे की गुंजाइश कम से कम है। इतना ही नहीं खरीदार अपने मन माफिक घर के लिए बिल्डर्स से कीमतों पर मोल-भाव भी कर सकता है। क्योंकि बिल्डरों को फ्लैट्स की अपनी इन्वेंटरी जल्द से जल्द कम करनी है। इसके लिए बिल्डरों को कम मुनाफा लेकर अपने फ्लैट्स निकालने होंगे क्योंकि अधिकांश बड़े प्रोजेक्ट में उनके पैसे फंस गए हैं।
रीयल एस्टेट डेवलपर्स को बने बनाए फ्लैटों का स्टॉक खाली करने में काफी समय लग रहा है। संपत्ति क्षेत्र की सलाहकार एनारॉक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बने मकानों का स्टॉक निकालने में दिल्ली-एनसीआर के बिल्डरों को साढ़े तीन साल से अधिक यानी 44 महीने लगेंगे। जबकि, बेंगलुरु के बिल्डरों को सबसे कम 15 माह का समय लगेगा। बता दें कि सितंबर तिमाही के अंत तक सात प्रमुख शहरों दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे में बन चुके लेकिन बिक नहीं पाए फ्लैटों की संख्या 6.56 लाख थी। टॉप के सात शहरों में 2019 की तीसरी तिमाही तक फ्लैटों का 30 महीने का स्टॉक था। एक साल पहले समान अवधि में यह 37 माह था।
बेंगलुरु में फ्लैटों का स्टॉक निकालने में सबसे कम यानी 15 महीने का समय लगेगा। वहीं एनसीआर में सबसे अधिक यानी 44 माह का समय लगेगा। चेन्नई में बन चुके फ्लैटों को निकालने में 31 महीने, मुंबई महानगर क्षेत्र में 34 महीने और कोलकाता में 38 माह का समय लगेगा। मौजूदा बाजार हालात को देखते हुए इस बात का संकेत मिलता है कि फ्लैटों के स्टॉक निकालने में कितना समय लगेगा।
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि अब बिल्डरों का ध्यान स्टॉक निकालने में है। इसके अलावा बिल्डरों ने बाजार में अपनी आपूर्ति भी सीमित कर दी है। एनसीआर इस समय देश का सबसे अधिक प्रभावित आवासीय बाजार है। यहां फ्लैटों के स्टॉक को निकालने में कम से कम 44 माह का समय लगेगा। हालांकि, 2018 की तीसरी तिमाही में यह 58 माह था। 2019 की तीसरी तिमाही के अंत तक शीर्ष सात शहरों में कुल मिलाकर नहीं बिके फ्लैटों की संख्या 6.56 लाख थी। सालाना आधार पर इसमें करीब पांच फीसद की कमी आई है। वहीं इससे दो साल पहले की तुलना में यह 12 फीसद कम है।

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