Baroda BNP Paribas ने लांच किया NFO, जानिए कब तक कर सकते हैं इसमें निवेश?
Baroda BNP Paribas mutual fund ने हेल्थकेयर सेक्टर के लिए NFO लांच किया है। यह ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है। फंड हाउस का कहना है कि अभी भारत में प्रति व्यक्ति हेल्थकेयर पर खर्च विकसित देशों की तुलना में बहुत कम है। सेहत के प्रति बढ़ती जागरूकता जीवन प्रत्याशा में वृद्धि और क्रोनिक बीमारियों के बढ़ने के चलते इस सेक्टर में आगे अच्छी संभावनाएं हैं।

Baroda BNP NFO detail: बड़ौदा बीएनपी परिबास म्यूचुअल फंड (Baroda BNP Paribas mutual fund) ने नया फंड ऑफर (NFO) बड़ौदा बीएनपी परिबास हेल्थ एंड वेलनेस फंड लांच किया है। यह फंड हेल्थकेयर और वेलनेस कंपनियों पर फोकस करेगी।
फंड हाउस के अनुसार यह थीमैटिक फंड (Baroda BNP NFO healthcare Mutual Fund) उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो 3 वर्ष या उससे अधिक समय के लिए निवेश करना चाहते हैं। यह ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है। यह 9 जून 2025 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलकर 23 जून 2025 को बंद होगा।
कैसा है भारत का हेल्थकेयर सेक्टर
यह सेक्टर भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर तेजी से उभर रहा है। हेल्थकेयर पर भारत का मौजूदा प्रति व्यक्ति खर्च विकसित देशों की तुलना में काफी कम है। लेकिन लोगों की बढ़ती क्षमता, जागरूकता, लंबी जीवन प्रत्याशा और क्रोनिक बीमारियों के बढ़ने के कारण इसके तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।
बड़ौदा बीएनपी परिबास एएमसी के सीईओ सुरेश सोनी ने कहा, पिछली एक सदी में भारत में औसत जीवन प्रत्याशा तीन गुना से भी अधिक हो गई है। एक नन्हे बच्चे से लेकर उम्र के सातवें दशक तक, जीवन के हर पड़ाव पर व्यक्ति की सेहत पर खर्च होता रहता है। स्वास्थ्य सेवा पर प्रति व्यक्ति खर्च के कम आधार को देखते हुए हम इस क्षेत्र को निवेशकों के लिए काफी संभावनाएं देखते हैं।
तेजी से बढ़ रहे हार्ट डिजीज, डायबिटीज, कैंसर
उन्होंने कहा कि भारत में क्रोनिक बीमारियां खतरनाक स्तर पर बढ़ रही हैं। इस दशक में हृदय संबंधी बीमारियों, डायबिटीज और कैंसर की घटनाओं में 34-41% की वृद्धि हो सकती है। यह तथ्य प्रिवेंटिव और क्यूरेटिव हेल्थकेयर सिस्टम की जरूरत को बताती है।
बड़ौदा बीएनपी परिबास एएमसी के सीआईओ - इक्विटी संजय चावला ने कहा कि भारत के फार्मा, डायग्नोस्टिक्स, मेडटेक, अस्पताल, बीमा और हेल्थकेयर रिसर्च में 100 से ज्यादा निवेश योग्य कंपनियां हैं और जिनका मार्केट कैप 200 अरब डॉलर है।
जेनरिक दवाओं का बड़ा सप्लायर है भारत
चावला ने कहा कि भारत की फार्मा इंडस्ट्री वैश्विक स्तर पर अग्रणी है। यह अफ्रीका को उसकी जरूरत का 50% से अधिक जेनेरिक दवा, अमेरिका में इस्तेमाल होने वाली जेनेरिक दवाओं का 40% और इंग्लैंड में इस्तेमाल होने वाली सभी दवाओं का 25% आपूर्ति करती है। वैश्विक स्तर पर USFDA अनुमोदित दवाओं में सबसे बड़ा हिस्सा भारत का ही है।
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