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    Bank Locker Rule: बैंक ने बंद कर दिया है लॉकर? जानिए कैसे खुलेगा आपके खजाने का ताला

    By Priyanka KumariEdited By: Priyanka Kumari
    Updated: Sat, 24 Jun 2023 08:45 AM (IST)

    Bank Locker Rule अगर आपके पास भी बैंक में लॉकर मौजूद है लेकिन कई महीनों से उसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। ऐसे में आपका लॉकर बंद हो सकता है। अब आपको दोबारा इस सुविधा का लाभ उठाना है तो आपको सबसे पहले बैंक में जाकर आवेदन देना होगा। आइए जानते हैं कि आप दोबारा बैंक लॉकर कैसे शुरू कर सकते हैं।

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    Bank Locker Rule: बंद हुए लॉकर के साथ ऐसा करती है बैंक

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हम में से ज्यादातर लोग अपनी कीमती सामान बैंक लॉकर में रखना पसंद करते हैं। हम घर से ज्यादा बैंक लॉकर को सेफ मानते हैं। घर में कीमती सामान को रखने से हम इसलिए भी डरते हैं कि कहीं कोई उसे चोरी ना कर लें।

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    जिस तरह हम अपनी जमा-पूंजी को बैंक में रखना पसंद करते हैं, ठीक उसी तरह हम अपने जेवर, घर के दस्तावेज भी बैंक में ही रखना पसंद करते हैं। कई बार हम बैंक के लॉकर में सामान तो रख देते हैं पर उसे तोड़ते नहीं है।

    अगर आपने भी बैंक के लॉकर में सामान रखा है लेकिन उसे तोड़ा नहीं है तो आप एक बार जरूर चेक करें कि कहीं लॉकर डी-एक्टिव तो नहीं हो गया है। लंबे समय तक अगर लॉकर को नहीं तोड़ते हैं तो वो निष्क्रिय हो जाता है।

    बैंक के लॉकर को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने दिशा-निर्देश भी जारी किया है। इसमें बताया गया है कि अगर आप लंबे समय से लॉकर को नहीं तोड़ते हैं तो वो बंद हो जाता है। आप अगर उसका किराया भी नियमित रूप से दे रहे हैं तब भी आपका लॉकर निष्क्रिय हो सकता है। हाल ही में आरबीआई ने बैंक लॉकर को लेकर नया दिशा-निर्देश जारी किया है। इसमें बैंक के पुराने लॉकर नियमों में संशोधन किया गया है। इस संशोधन में बैंक के बंद लॉकर को लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किया गया है।

    लॉकर के बंद होने के बाद क्या होगा

    आरबीआई ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने लॉकर को 7 साल के भीतर नहीं तुड़वाया है तो उसका लॉकर निष्क्रिय हो जाएगा। ऐसे में बैंक पहले तो उस ग्राहक के क्लेम का इंतजार करेगा। अगर व्यक्ति क्लेम नहीं करता है, लेकिन लॉकर का किराया नियमित रूप से भुगतान किया जा रहा है। तब बैंक उस लॉकर को तोड़ देगा।

    निष्क्रिय लॉकर तोड़ने के नियम

    आरबीआई के नियम के मुताबिक बैंक पहले तो लॉकर के नामांकित व्यक्ति या उसका कानूनी उत्तराधिकारी को हस्तांतरित करेगा। अगर नामांकित व्यक्ति का पता नहीं लगता है तब बैंक सबसे पहले बैंक लॉकर-किराए पर लेने वाले को पत्र के माध्यम से सूचना देगा। इसी के साथ रजिस्टर ईमेल आईडी पर मेल और मोबाइल नंबर पर मैसेज से अलर्ट भेजेगा। अगर बैंक द्वारा भेजा गया पत्र बिना डिलीवर किए लौटा दिया जाता है या फिर उस व्यक्ति का पता नहीं चलता है तब बैंक दैनिक समाचार पत्र में सूचना देता है।

    बैंक सार्वजनिक सूचना जारी करता है। इस सूचना में बैंक लॉकर-किराए पर लेने वाले व्यक्ति या फिर किसी भी व्यक्ति को उचित समय के साथ सूचना देता है। ये लेख अंग्रेजी और दूसरा स्थानीय भाषा में दिया जाता है। जो भी व्यक्ति उस समान में रुचि रखते हैं उन्हें बैंक को जवाब देना होता है। अगर फिर भी कोई जवाब नहीं आता है तब बैंक लॉकर को तोड़ देते हैं।

    केंद्रीय बैंक के दिशा निर्देश

    बैंक के एक अधिकारी द्वारा लॉकर को तोड़ा जाता है। जब लॉकर से समान निकाला जाता है तब वहां पर दो गवाह की उपस्थिति होनी जरूरी होती है। इस पूरे प्रोसेस की वीडियो रिकॉर्डिंग होती है। अगर स्मार्ट वॉल्ट होता है तब लॉकर खोलने के लिए 'वॉल्ट एडमिनिस्ट्रेटर' पासवर्ड का इस्तेमाल किया जाता है। लॉकर खोलने के बाद उसे वरिष्ठ अधिकारी को सौंपा जाता है।