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    कितने तरीके के होते हैं बैंक चेक, कब और कहां होता है इनका इस्तेमाल

    Updated: Thu, 13 Mar 2025 02:50 PM (IST)

    Bank Cheques Types आजकल हर काम घर बैठे ही हो जाता है। लेकिन आज भी हमें से कई लोग बड़े अमाउंट के लिए बैंक चेक का ही इस्तेमाल करते हैं। बैंक चेक कुल मिलाकर 9 तरह के होते हैं। वहीं इन चेक का इस्तेमाल भी अलग-अलग है. आज हम जानेंगे कि ये सभी 9 बैंक चेक कब और कहां इस्तेमाल किए जाते हैं।

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    कितने तरीके के होते है बैंक चेक

     बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। आज हम यूपीआई या ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए चुटकियों में ही पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। लेकिन आज भी बड़े अमाउंट के लिए लोग बैंक चेक का इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि यूपीआई के जरिए 1 लाख रुपये प्रति दिन ही ट्रांसफर किया जा सकता हैं. इसके अलावा 20 ट्रांजेक्शन की लिमिट दी गई है।

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    क्या आपको पता है कि जिन बैंक चेक का इस्तेमाल हम बड़े अमाउंट के लिए करते हैं। उसके कई प्रकार (bank cheques Types) हो सकते हैं। हमें ज्यादातर चार से पांच चेक के बारे में ही पता होता है। लेकिन बैंक चेक के कुल 9 टाइप के होते हैं।

    बेयरर चेक (Bearer Cheque)

    बेयरर चेक में डिपॉजिट करने वाले का नाम लिखा रहता है। इस चेक को पेयबल टू बियरर चेक भी कहते हैं। हालांकि ये चेक रिस्क वाला रहता है, क्योंकि अगर बेयरर चेक कहीं खो गया या भूल गए, तो बैंक होल्डर और डिपॉजिट करने वाले के परमिशन के बिना इस चेक के जरिए पैसे निकाले जा सकते हैं।

    ऑर्डर चेक (Order Cheque)

    ये चेक, बेयरर चेक के मुकाबले थोड़ा सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि इसमें उस व्यक्ति का नाम भी लिखा जाता है, जिसे पैसे निकालने हो। इसलिए इस चेक में or bearer की जगह or order लिखा गया है।

    क्रॉस्ड चेक (Crossed Cheque)

    इस चेक के नाम से ही समझ आ रहा है, कि इस चेक का क्या उद्देश्य है। इस चेक में क्रॉस का निशान बना हुआ होता है। इसमें धोखाधड़ी के मामले कम होते है, क्योंकि इससे सीधा पैसा बैंक अकाउंट में जाता है।

    ओपन चेक (open cheque)

    ये चेक सुरक्षित नहीं माना जाता है, क्योंकि इस चेक के जरिए कोई भी पैसा निकाल सकता है। इसे अनक्रॉस्ड चेक भी कहा जाता है। वहीं चेक के जरिए ओरिजनल रेसिपिएंट से दूसरे रेसिपिएंट को ट्रांसफर भी किया जा सकता है।

    पोस्ट डेटेड चेक (Post Dated Cheque)

    पोस्ट डेटेड चेक का इस्तेमाल भविष्य के लिए किया जा सकता है। इस चेक को इश्यू होने के बाद कभी भी बैंक में जमा किया जा सकता है। लोग अक्सर सोसायटी का पेमेंट या हर महीने घर का किराया देने के लिए इस चेक का इस्तेमाल करते हैं।

    स्टेल चेक (Stale Cheque)

    ये वे चेक है, जिसका वैलिडिटी पीरियड खत्म हो गया हो। इसलिए इस चेक के जरिए पैसे इनकैश नहीं किए जा सकते हैं। पहले वैलिडिटी पीरियड, चेक जारी होने के छह महीने तक रखा गया था। हालांकि अब इसे घटाकर तीन महीने तक कर दिया गया है।

    ट्रैवलर चेक (Traveller Cheque)

    जैसा की इसके नाम से समझ आ रहा है, इस चेक का इस्तेमाल ट्रैवलिंग के समय किया जाता है। अकसर लोग ट्रैवलिंग में पैसे ज्यादा नहीं रख पाते, तो वे इस चेक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

    सेल्फ चेक (Self Cheque)

    सेल्फ चेक वे है, जो अकाउंट होल्डर खुद के लिए जारी करता है। जिसका मतलब हुआ कि रिसीव करने वाला और इश्यू करने वाला दोनों एक ही व्यक्ति है। लोग इस चेक का इस्तेमाल खुद पैसे निकालने के लिए करते हैं।

    बैंकर्स चेक (Banker’s Cheque)

    इस चेक को डिमांड ड्राफ्ट भी कहा जाता है। वहीं इस चेक का इस्तेमाल उसी शहर में होगा, जहां इसे इश्यू किया गया हो। ये एक तरह का डिमांड ड्राफ्ट (DD) होता है।

     

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