Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बंधन बैंक लिस्ट होते ही बन गया सातवां सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक, जानिए अन्य बड़ी बातें

    By Surbhi JainEdited By:
    Updated: Wed, 28 Mar 2018 02:56 PM (IST)

    बंधन बैंक के शेयर की लिस्टिंग के बाद इसकी मार्केट वैल्यू 60,000 करोड़ रुपये हो गई है

    बंधन बैंक लिस्ट होते ही बन गया सातवां सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक, जानिए अन्य बड़ी बातें

    style="text-align: justify;">नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। मंगलवार को बंधन बैंक के शेयर्स 33 फीसद प्रीमियम के साथ लिस्ट हो गए। इस लिस्टिंग के साथ ही बंधन बैंक मार्केट कैप के मामले में भी बड़े बैंकों में शुमार हो गया है। आपको बता दें कि बंधन बैंक के सीईओ और एमडी चंद्रशेखर घोष ने वर्ष 2009 में बंधन को नॉन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में पंजीकृत कराया था। हम अपनी इस खबर में आपको बंधन बैंक से जुड़ी बड़ी बातें बताने जा रह हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
    • बंधन बैंक के शेयर की लिस्टिंग के बाद इसकी मार्केट वैल्यू 60,000 करोड़ रुपये हो गई है। यह वैल्यू एसबीआई को छोड़ अन्य सभी सरकारी बैंकों से ज्यादा है। इस लिहाज से बंधन बैंक ने 21 सरकारी बैंकों को पछाड़ दिया है।
    • निजी बैंकों के मार्केट कैप के लिहाज से बंधन बैंक सातवां बड़ा बैंक है। इस सूची में पहले बैंक एचडीएफसी बैंक, कोटक बैंक, महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक और यस बैंक है।
    • बंधन को नॉन-बैंकिंग फाइनैंस कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में पंजीकृत कराने के बाद वर्ष 2014 में बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त करने वाला पहला माइक्रोफाइनैंस इंस्टिट्यूशन बन गया था। वर्ष 2015 से बंधन बैंक ने पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया था।
    • चंद्रशेखर घोष ग्रेटर त्रिपुरा के एक गांव में वर्ष 1960 में जन्मे थे। अपने शुरुआती जीवन में उन्होंने दूध बेचकर अपना खर्चा चलाया था। घोष ने 1978 में ढाका यूनिवर्सिटी से स्टैटिस्टिकिस में एमए के बाद एक इंटरनेशनल डेवेलपमेंट नॉन प्रॉफिट ऑर्गैनाइजेशन BRAC ज्वाइन किया था। BRAC बांग्लादेश की गरीब महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करता है।
    • असल में BRAC में काम के दौरान उन्हें महसूस हुआ कि बेहद गरीबी उन महिलाओं का जीवनस्तर और खराब कर देती है जिनके पति उनसे ठीक व्यवहार नहीं करते थे। इससे उन्हें ज्ञात हुआ कि महिलाएं अपना जीवनस्तर थोड़ी सी वित्तीय सहायता मिलने से भी सुधार सकती हैं।
    • घोष ने पश्चिम बंगाल के गांव में कई वर्ष काम करने के बाद वर्ष 2001 में अपनी कंपनी बंधन कोनागर की शुरुआत की। इसके तहत गरीब महिलाओं को अधिकतम दो लाख रुपये तक का लोन देना शुरू किया जिसे उनके रिश्तेदारों से जुटाया जाता था।
    • दिसंबर 2017 तक बैंक की देशभर में कुल 887 शाखाएं हैं। बैंक की ज्यादा शाखाएं उत्तर और उत्तर पूर्व भारत में हैं। पश्चिम बंगाल, असम और बिहार इन तीन राज्यों में कंपनी की कुल 56 फीसद से ज्यादा शाखाएं हैं। बैंक का मुख्य फोकस माइक्रो फाइनेंसिंग में है। लोन में 88 फीसद हिस्सा माइक्रो लोन का ही है। 1 करोड़ 20 लाख ग्राहकों में करीब 1 करोड़ ग्राहक महिलाएं हैं।
    • वित्त वर्ष 2018 के पहले 9 महीनों में बैंक ने कुल 958 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है। जबकि बैंक में जमा 25,294 करोड़ रुपए है। अन्य बैंक और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की तुलना में बैंक के मार्जिन सबसे ज्यादा हैं।
    • बीते साल तक बैंक के कुल लोन में एनपीए कुल 0.48 फीसद थे जिनमें नोटबंदी के बाद जबरदस्त उछाल देखने को मिला। फिलहाल बैंक के कुल एनपीए 1.67 फीसद पर हैं।