इस दिवाली बाजार के उतार-चढ़ाव को पीछे छोड़ चाहते हैं मुनाफा, तो ये म्युचुअल फंड हो सकता है मददगार
इस दिवाली अगर आप बाजार में उतार-चढ़ाव को पीछे छोड़ एक बेहतर रिटर्न चाहते हैं तो आप बैलेंस एडवांटेज फंड (BAF) का रास्ता अपना सकते हैं। दरअसल BAF म्युचुअल फंड की एक कैटेगरी है जो आपके निवेश को इक्विटी और डेट में आवंटित करता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। इस दिवाली अगर आप बाजार में उतार-चढ़ाव को पीछे छोड़ एक बेहतर रिटर्न चाहते हैं तो आप बैलेंस एडवांटेज फंड (BAF) का रास्ता अपना सकते हैं। दरअसल BAF म्युचुअल फंड की एक कैटेगरी है जो आपके निवेश को इक्विटी और डेट में आवंटित करता है। अक्सर देखा जाता है कि रिटेल निवेशक शेयर बाजार में तब निवेश करते हैं जब बाजार उंचाई पर होता है। यानी निवेशक महंगे वैल्यूएशन पर खरीदारी करते हैं। इसका असर यह होता है कि वे महंगे पर खरीदते हैं लेकिन बेचते सस्ते भाव पर हैं। इससे उनको घाटा होता है। BAF यहीं पर काम करता है। BAF सस्ते में खरीदता है और महंगे में बेचता है। जब बाजार ऊपर होता है तो वह आपका निवेश डेट में डाल देता है। जब बाजार नीचे होता है तो वह इक्विटी में खरीदारी करता है।
म्युचुअल फंड इंडस्ट्री में BAF कैटेगरी के कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) का 70% हिस्सा देश की दो सबसे बड़ी म्युचुअल फंड कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल (ICICI Pru) और HDFC Mutual Fund के पास है। हालांकि 31 अक्टूबर तक प्रदर्शन के मामले में ICICI Pru टॉप पर है। इसने 5 साल में 7.93 और 10 साल में 10.53% का रिटर्न दिया है। जबकि एचडीएफसी ने इसी अवधि में 5.15 और 7.99% का रिटर्न दिया है। मार्च 2010 से ICICI Pru ने 11.2% का जबकि इसके बेंचमार्क निफ्टी50 ने 9.3% का रिटर्न दिया है। अगर किसी निवेशक ने ICICI Pru में 10 हजार रुपये की मासिक एसआईपी की होगी तो यह निवेश आज 20.28 लाख रुपये हो गया है। ICICI Pru का एयूएम 26,439 करोड़ रुपये है। इसका इक्विटी में निवेश 30 से 80 पर्सेंट होता है जो बाजार के वैल्यूएशन पर निर्भर है।
ICICI Pru AMC के एमडी निमेश शाह कहते हैं कि जब भी बाजार में अवसर होते हैं, वहां पर एक जोखिम भी होता है। तमाम वैश्विक फैक्टर्स से बाजार में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं। इसलिए हमारा मानना है कि ऐसे समय में बैलेंस एडवांटेज फंड आपको एक ऑफर देता है। हमारा यह मानना है कि हर किसी निवेशक के कोर पोर्टफोलियो में यह प्रोडक्ट होना चाहिए। क्योंकि यह सभी जोखिम प्रोफाइल में निवेशकों की जरूरतों को पूरा करता है।
इस कैटेगरी में एसेट अलोकेशन का एक व्यापक वेरिएशन होता है। इसका तमाम फंड हाउस पालन करते हैं। कुछ फंड हाउस प्राइस टु अर्निंग (P/E) रेशियो का पालन करते हैं जबकि कुछ P/E और प्राइस टु बुक (PB) को मिलाकर चलते हैं। आईसीआईसीआई PB मॉडल का पालन करता है। इससे स्कीम का प्रदर्शन ज्यादा होता है। इस प्रकार के म्युचुअल फंड स्कीम का अन्य फायदा यह होता है कि जब भी बाजार उतार-चढ़ाव में होता है यह उससे निपटने में सक्षम होते हैं।
उदाहरण स्वरूप मार्च 2020 में जब बाजार में भारी गिरावट आई थी तब इस स्कीम ने अच्छा काम किया था। हालांकि निवेशकों ने डर के मारे पैसा उस समय नहीं लगाया। पर बैलेंस एडवांटेज फंड ने अपनी एक्सपोजर इक्विटी में बढ़ा दिया। दिसंबर 2019 में इक्विटी में इस स्कीम का एक्सपोजर 46 पर्सेंट था, जो मार्च 2020 में बढ़कर 74 पर्सेंट हो गया। फिर जब बाजार वहां से रिकवर होना शुरू हुआ तो इक्विटी में एक्सपोजर घटकर 62 पर्सेंट हो गया।
इस साल से लेकर अब तक बेंचमार्क जहां अभी कम स्तर पर कारोबार कर रहा है, वहीं कई बैलेंस एडवांटेज फंड ने उससे ज्यादा का फायदा दिया है। यह कैटेगरी लंबे समय में भी अच्छा लाभ देती है। निवेशक इसमें एसआईपी के जरिए लंबी अवधि के लक्ष्यों जैसे शादी, शिक्षा या रिटायरमेंट के लिए निवेश कर सकते हैं। कुछ फंड हाउस ने हाल में इस स्कीम को लांच किया है।