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    Credit Card बिल का नहीं किया पूरा भुगतान? अब क्या होगा; चार्ज और फीस से कैसे करें बचाव

    आज डेबिट कार्ड की तरह हर कोई क्रेडिट कार्ड का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान को लेकर आपके पास तीन विकल्प है पहला मिनिमम बैलेंस इससे ज्यादा या पूरा भुगतान कर सकते हैं।लेकिन अगर आप पूरे बिल का भुगतान नहीं करते हैं तो आपको भारी भरकम चार्जिस से जूझना पड़ता है। आज हम जानेंगे कि इन्हीं चार्जिस और फीस से कैसे बचाव किया जा सकता हैं।

    By Mansi Bhandari Edited By: Mansi Bhandari Updated: Thu, 03 Jul 2025 03:52 PM (IST)
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    क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते समय पेनल्टी से कैसे बचें?

     नई दिल्ली। आज हर कोई क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहा है। इसका कारण है कि इसमें आकर्षक रिवॉर्ड प्वाइंट और कैशबैक दिया जाता है। वहीं आप इसके जरिए खर्चा पहले कर पेमेंट बाद में भी कर सकते हैं। इसी फीचर्स की वजह आज ज्यादा से ज्यादा लोग क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर रहे हैं।

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    लेकिन अक्सर लोग इसके इस्तेमाल के दौरान गलती कर बैठते हैं। यूजर्स क्रेडिट कार्ड का पूरा भुगतान नहीं करते, ऐसे में उन्हें भारी पैनेल्टी भरनी पड़ जाती है। आज हम जानेंगे कि इन्ही चार्जिस या पैनेल्टी से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है।

    आमतौर पर क्रेडिट कार्ड बिल का जो हिस्सा आप पे नहीं करते हैं, उसे अगले महीने के लिए आगे बढ़ा दिया जाता है। लेकिन आपको जितना भी बैलेंस बचता है, उस पर बैंक चार्ज या पैनेल्टी वसूलती है। इसके लिए अलग-अलग बैंक अलग-अलग चार्जिस तय करती है। इन चार्जिस पर आपको 18 फीसदी जीएसटी भी देना पड़ता है। बैंक ये चार्जिस तब तक वसूलती है, जब तक आप पूरी पेमेंट नहीं कर देते।

    आप बैलेंस में बचें अमाउंट को दो या तीन हिस्सों में बांटकर भी भुगतान कर सकते हैं। ऐसा करने पर आप इनका भुगतान कम समय में ही कर पाएंगे। लेकिन जब तक बैलेंस रहेगा, तब तक आपको चार्जिस का भुगतान करते रहना पड़ेगा।

    Balance करें ट्रांसफर

    अगर ये बैलेंस अमाउंट बहुत अधिक है, तो इसे ट्रांसफर भी किया जा सकता है। आप ऐसे कार्ड में ट्रांसफर कर सकते हैं, जो बैंक ज्यादा पैनेल्टी न लेता हो। लेकिन तब क्या होगा, जब आपके क्रेडिट कार्ड में ऐसा कोई ऑप्शन ना हो।

    भुगतान को EMI में बदले

    कई बैंक क्रेडिट कार्ड बिल की बची राशि में ईएमआई का ऑप्शन भी दे देती है। ये ऑप्शन आपको तब मिलता है, जब ये बैलेंस अमाउंट काफी बड़ा हो। हालांकि ऐसा करने पर भी आपको प्रोसेसिंग फीस और इंटरेस्ट चार्जिस देने पड़ते हैं। इसलिए ये ऑप्शन लेने से पहले आप इंटरेस्ट चार्जिस, अवधि इत्यादि चेक कर लें।

    पर्सनल लोन का ऑप्शन

    अगर आप चार्जिस नहीं देना चाहते, बैलेंस ट्रासंफर का ऑप्शन नहीं और ईएमाई से भुगतान कर आपको ज्यादा चार्जिस देने पड़ रहे हैं। ऐसी स्थिति आप पर्सनल लोन का ऑप्शन चुन सकते हैं। ये तब लिया जा सकता है, जब आपका बैलेंस अमाउंट आप पर बोझ बन रहा हो।

    लेकिन पर्सनल लोन का विकल्प सोच समझकर चुनें। पर्सनल लोन की ईएमआई उतनी ही हो, जो आप पर ज्यादा बोझ न बनें।