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    एसेट एलोकेशन: स्ट्रेस फ्री और सस्टेनेबल वेल्थ क्रिएशन का स्मार्ट मार्ग

    Updated: Mon, 21 Apr 2025 03:57 PM (IST)

    Asset Allocation क्या आपका एक्सपीरियंस तनाव से मुक्त था क्या आप खुश थे। अगर आपका ध्यान केवल हाई रिटर्न पर है तो यह मानकर चले कि आप अपने निवेश की प्रक्रिया के साथ समझौता कर रहे हैं। सस्टेनेबल वेल्थ क्रिएशन के लिए यह जरूरी है कि आप निवेश की पूरी यात्रा के दौरान निवेश के मौलिक सिद्धांतों का पालन करें।

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    स्ट्रेस फ्री और सस्टेनेबल वेल्थ क्रिएशन का स्मार्ट मार्ग

     ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। एक सफल निवेश की यात्रा केवल यह नहीं है कि आपने हाई रिटर्न प्राप्त किया है, बल्कि यह भी देखा जाना चाहिए कि ऐसे रिटर्न को प्राप्त करने के लिए आप किस तरह के अनुभवों से गुजरे हैं। क्या आपका एक्सपीरियंस तनाव से मुक्त था, क्या आप खुश थे। अगर आपका ध्यान केवल हाई रिटर्न पर है तो यह मानकर चले कि आप अपने निवेश की प्रक्रिया के साथ समझौता कर रहे हैं। सस्टेनेबल वेल्थ क्रिएशन के लिए यह जरूरी है कि आप निवेश की पूरी यात्रा के दौरान निवेश के मौलिक सिद्धांतों का पालन करें।

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    बेहतर निवेश के लिए एसेट एलोकेशन एक बुनियादी घटक है। इसके साथ बने रहने से अलग-अलग मार्केट साइकिल में एक बेहतर इन्वेस्टमेंट एक्सपीरियंस देखने को मिलता है।

    एसेट एलोकेशन जैसा कि नाम से ही समझा जा सकता है कि आपके इन्वेस्टमेंट को एक उपयुक्त अनुपात में अलग-अलग एसेट क्लास में आवंटित किया जाता है। इसके लिए मैक्रो और माइक्रो अर्थव्यवस्था की स्थिति पर नजर रखी जाती है। आपको बता दें कि एसेट क्लास कई हैं जैसे इक्विटी, डेट, गोल्ड और रियल एस्टेट से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स। महत्वपूर्ण बात यह है कि ये सभी एक-दूसरे से अलग हैं।

    इक्विटी, एक ऐसा एसेट क्लास है जिसमें सबसे ज्यादा जोखिम होता है, जिसे अक्सर हाई रिटर्न देने के लिए जाना जाता है। दूसरी ओर, डेट अच्छे रिटर्न के साथ स्थिरता देता है। वहीं, गोल्ड इन्फ्लेशन के विरुद्ध एक मजबूत हेज के रूप में कार्य करता है जबकि रियल एस्टेट आपके यील्ड को बढ़ाता है। हालांकि, सभी एसेट क्लास के अलग-अलग मार्केट साइकिल होते हैं, और वैल्यूएशन डायनामिक और रिस्क टू रिवॉर्ड रेश्यो के मामले में काफी भिन्न होते हैं।

    संक्षेप में, सभी एसेट क्लास एक साथ न तो आउटपरफॉर्म करते हैं और न ही अंडरपरफॉर्म। कई बार गोल्ड में फायदा दिखता है और बाकि एसेट में कम, और कभी-कभी इक्विटी आगे निकल जाती है। एक ही एसेट क्लास में अपने पोर्टफोलियो को केंद्रित करने से रिस्क ज्यादा होता है और इससे काफी नुकसान हो सकता है। यहीं पर एसेट एलोकेशन निवेशकों के लिए जरूरी हो जाता है, जो न केवल संतुलन को बनाए रखता है, बल्कि लंबी अवधि में निवेशकों को लाभ पहुंचाता है। यह एसेट क्लास में रिस्क को डायवर्सिफाई करता है, जिससे हर क्लास में बेहतर रिटर्न और लाभ की संभावना बढ़ जाती है, वो भी बिना किसी तनाव के।

    एसेट एलोकेशन/हाइब्रिड म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश करने से निवेशकों को लाभ मिलता है, क्योंकि इसे प्रोफेशनल मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है। एसेट एलोकेशन स्ट्रैटेजी को प्रभावी ढंग से लागू करने और लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन के लिए एसेट एलोकेशन फंड, डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड और मल्टी-एसेट फंड जैसी स्कीम पर विचार किया जाना चाहिए।

    “ICICI Prudential Asset Allocator Fund (FOF) डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड में निवेश करने का एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। यह फंड इक्विटी, डेट और गोल्ड म्यूचुअल फंड स्कीम/ETF में आपके एलोकेशन को मैनेज करता है, जो इन-हाउस वैल्यूएशन मॉडल द्वारा निर्देशित होता है। 28 मार्च, 2025 तक, इसने एक साल का रिटर्न 9.50% दिया है। इसने तीन साल में 12.86% और पांच साल में 19.04% का CAGR रिटर्न दिया है।” - मंजू जिंदल, म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर, चंडीगढ़

    Disclaimer:- इस लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं और जागरण न्यू मीडिया कंपनी के विचारों को नहीं दर्शाते हैं। इसमें दिया गया कॉन्टेंट केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे कोई भी निर्णय लेने से पहले किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से सलाह लें। जागरण न्यू मीडिया कंपनी जानकारी की सटीकता की गारंटी नहीं देती है और किसी भी वित्तीय परिणाम के लिए जिम्मेदार नहीं है। सभी निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं।

    Note:- यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।

     

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