NSE New Chief: बीएसई के आशीष कुमार चौहान होंगे एनएसई के अगले सीईओ, सेबी ने दी हरी झंडी
NSE New Chief IIT और IIM से शिक्षा प्राप्त करने वाले आशीष कुमार चौहान को भारत में आधुनिक वित्तीय डेरिवेटिव का जनक माना जाता है। उन्होंने अपना करिअर एक बैंकर के रूप में शुरू किया। फिलहाल वह बीएसई के एमडी और सीईओ हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आशीष कुमार चौहान (Ashish Kumar Chauhan) देश के प्रमुख एक्सचेंज एनएसई (National Stock Exchange- NSE) के अगले प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे। पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। आशीष कुमार चौहान वर्तमान में बीएसई (BSE) के एमडी और सीईओ हैं। एनएसई के प्रबंध निदेशक (NSE New MD) के रूप में उनकी नियुक्ति पांच साल के लिए होगी। वह विक्रम लिमये से एनएसई की कमान संभालेंगे, जिनका पांच साल का कार्यकाल शनिवार को समाप्त हो गया। लिमये ने पात्र होने के बावजूद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में कार्यकाल बढ़ाने की मांग नहीं की।
आशीष कुमार चौहान, एनएसई के संस्थापकों में से एक हैं। वह ऐसे समय में एनएसई का कार्यभार संभालने जा रहे हैं, जब यह अब तक के अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। फिलहाल इसे गवर्नेंस लैप्स के आरोपों के साथ को-लोकेशन घोटाले का भी सामना करना पड़ रहा है। को-लोकेशन केस के परिणामस्वरूप इसके पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण को हटा दिया गया था। दो दिन पहले उन्हें ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था।
कौन हैं आशीष कुमार चौहान
IIT और IIM से शिक्षा प्राप्त करने वाले आशीष कुमार चौहान को भारत में आधुनिक वित्तीय डेरिवेटिव का जनक माना जाता है। वह निफ्टी इंडेक्स के निर्माता भी हैं। वह स्क्रीन-आधारित पहला ट्रेडिंग प्रोजेक्ट के बनाने के प्रभारी थे। उन्होंने आईडीबीआई के साथ एक बैंकर के रूप में अपना करिअर शुरू किया। वह 2009 से बीएसई में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 6 माइक्रोसेकंड रिएक्शन टाइम के साथ उन्होंने इसे दुनिया का सबसे तेज एक्सचेंज बनने में मदद की। उन्होंने भारत में मोबाइल स्टॉक ट्रेडिंग की शुरुआत की। साथ ही उन्होंने मुद्रा, कमोडिटीज और इक्विटी डेरिवेटिव, एसएमई, स्टार्ट-अप और म्यूचुअल फंड अदि क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण काम किए।
आशीष कुमार चौहान चौहान को बीएसई के आईपीओ को सफलतापूर्वक संभालने का अनुभव है। उधर एनएसई लंबे समय से अपना आईपीओ लांच करने की तैयारी में है। हालांकि इसकी यह योजना तब पटरी से उतर गई, जब एनएसई को-लोकेशन घोटाले में उलझ गया।
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