नोएडा में फंसे हुए घर खरीदारों के साथ सरकार की सहानुभूति: अरुण जेटली
जेटली ने बताया कि सरकार की नोएडा के घर खरीदने वालों के साथ पूरी सहानुभूति है
नई दिल्ली (पीटीआई)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि सरकार की नोएडा के घर खरीदने वालों के साथ पूरी सहानुभूति है और वह दिवालिया कानून के तहत राहत की संभावना तलाश कर सकते हैं। हजारों घर खरीदारों को बीते हफ्ते झटका लगा था जब आइडीबीआइ बैंक ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ 526 करोड़ लोन के डिफॉल्ट मामले में दायर की गई याचिका पर कार्रवाई शुरू की थी।
एनसीएलटी ने अनुज जैन को अंतरिम संकल्प पेशेवर (आईआरपी) के तौर पर नियुक्त किया है ताकि इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत कार्यवाही की जा सके। अरुण जेटली का कहना है कि जिन लोगों ने डेवेलपर्स को पूरी राशि का भुगतान कर दिया है उन्हें पहले फ्लैट दे दिये जाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी पूरी सहानुभूति असंतुष्ट होम बायर्स के साथ है। वित्त मंत्री ने बताया है कि इंसॉल्वेंसी प्रोसिडिंग्स के अंतर्गत कंपनी चलाने का प्रावधान है। जो लोग असंतुष्ट है वे इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत राहत पा सकते हैं।
जेपी बिल्डर्स नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 32 हजार आवासीय फ्लैट बना रहा है। अलीगढ़, आगरा और गौतमबुद्धनगर में इसकी पांच टाउनशिप की बड़ी परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। इस ग्रुप से आवासीय कालोनियों में फ्लैट खरीदने का सौदा करने वाले हजारों ग्राहकों की रकम भी फंस गई है।
जेपी ग्रुप का सबसे बड़ा अधूरा प्रोजेक्ट नोएडा में विश टाउन है। कंपनी ने 32000 प्रस्तावित फ्लैट्स में से महज 5500 फ्लैट्स और नोएडा- ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के 800 एकड़ में से 3000 प्लॉट ही हैंड ओवर किये हैं। प्रोजेक्ट में 305 टावर हैं, इसमें से 250 अधूरे हैं।